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Last Updated :बलिया , शनिवार, 10 अक्टूबर 2015 (17:18 IST)

लोकनायक जिंदा होते तो दुखी हो जाते : परिजन

लोकनायक जिंदा होते तो दुखी हो जाते : परिजन - jaiprakash narayan birth anniversary bihar elections
बलिया। बिहार विधानसभा चुनाव में गोमांस का मुद्दा उछालकर और जातीय आधार पर माहौल को अपने पक्ष में करने की हो रही कोशिशों पर ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण के परिजन बेहद दुखी हैं। उन्होंने फैसला किया है कि वे कल लोकनायक की जयन्ती पर आयोजित होने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे।

लोकनायक की भतीजी अंजू सिन्हा ने आज कहा कि उनके चाचा ने हमेशा सामाजिक समरसता कायम करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के साथ-साथ राजनीतिक शुचिता लाने का काम किया था। आज उन्हीं की कर्मभूमि रहे बिहार में जिस तरह चुनावी फिजा को अपने पक्ष में करने के लिए अनेक राजनीतिक दल गोमांस तथा जातीय मुद्दों को उछाल रहे हैं, यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
अंजू ने कहा कि लोकनायक अगर आज जीवित होते तो वह चुनावी परिदृश्य देखकर बहुत दुखी होते। अंजू को कल लोकनायक की जयन्ती पर उनके पैतृक गांव माने जाने वाले लाला का टोला गांव में शिरकत करना थी। उन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम का न्यौता मिला है लेकिन विरोधस्वरूप वे कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी।
 
मालूम हो कि जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयन्ती पर कल बिहार के लाला का टोला गांव में एक कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शिरकत करेंगे। अंजू का कहना है कि उनका पूरा गांव कल सिताबदियारा में मौजूद रहेगा, क्योंकि इसी स्थान पर लोकनायक का जन्म हुआ था। (भाषा)