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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 3 जुलाई 2015 (16:50 IST)

एचआरडी मंत्रालय का स्टीफंस छेड़छाड़ विवाद में हस्तक्षेप से इंकार

एचआरडी मंत्रालय का स्टीफंस छेड़छाड़ विवाद में हस्तक्षेप से इंकार - HRD ministry
नई दिल्ली। सेंट स्टीफंस कॉलेज के छेड़छाड़ मामले में इसके प्रिंसीपल द्वारा आरोपी को बचाने के प्रयासों के आरोप लगने के बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को इस विवाद में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

मंत्रालय ने यह कहते हुए मामले में हस्तक्षेप से इंकार किया कि इस प्रकार के मामलों से संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार निपटा जाए। मंत्रालय के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि कॉलेज से कहा गया है कि वह न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी जांच में तेजी लाए।

मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक संस्थान से उम्मीद की जाती है कि उसके यहां यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए आंतरिक शिकायत समिति हो। सेंट स्टीफंस में मुद्दे से समिति द्वारा निपटा जाए।

सेंट स्टीफंस की एक शोधकर्ता ने 19 जून को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि कॉलेज के रसायन विभाग के एक प्रोफेसर सतीश कुमार ने उसके साथ कथित रूप से छेड़छाड़ की है।

शिकायतकर्ता ने स्टीफंस के प्रिंसीपल वाल्सन थम्पू पर आरोपी को बचाने का आरोप भी लगाया है। साथ ही उसने कहा है कि उसे आपराधिक रूप से डराया-धमकाया गया कि यदि वह चाहती है कि उसकी पीएचडी पूरी होने में कोई बाधा या देरी नहीं हो तो उसे कॉलेज में ही इस मामले को खत्म कर देना चाहिए।

शिकायतकर्ता ने गुरुवार को कुछ रिकॉर्डिंग भी सार्वजनिक की जिनके बारे में उसका दावा है कि यह उसके, आरोपी तथा प्रिंसीपल के बीच हुई बातचीत का ब्योरा है।

इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में अग्रिम जमानत की अपील करने वाले सतीश कुमार की याचिका पर पुलिस से जवाब तलब किया और उनकी गिरफ्तारी पर 17 अगस्त तक रोक लगाने का आदेश दिया। विवाद का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय ने पिछले सप्ताह दिल्ली विश्वविद्यालय से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी।

शिकायतकर्ता पहले ही शिकायत समिति की कार्यवाही में भाग लेने से यह कहते हुए इंकार कर चुकी है कि वह कहीं और से समाधान हासिल कर रही है। उसने समिति की कार्यवाही में विश्वास खोने का दावा करते हुए 21 जून को समिति से अपनी शिकायत वापस ले ली थी।

उसने गुरुवार को समिति के समक्ष पेश होने की अपील का अनुपालन करने से भी इंकार कर दिया था। (भाषा)