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Last Modified: सोमवार, 14 जनवरी 2019 (00:11 IST)

352वां प्रकाश पर्व : नीतीश ने हरमंदिर साहिब में मत्था टेका

352वां प्रकाश पर्व : नीतीश ने हरमंदिर साहिब में मत्था टेका - Guru Gobind Singh
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 352वें प्रकाश पर्व के अवसर पर रविवार को हरमंदिर पटना साहिब में मत्था टेका। हरमंदिर साहिब परिसर में बनाए गए विशेष दीवान हॉल में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों के लिए गौरव की बात है कि गुरु गोविन्द सिंह जी के 352वें प्रकाश पर्व में शामिल होने का मौका मिला। दो वर्ष पहले 350वां प्रकाश पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया था।
 
 
उन्होंने कहा कि यह गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्म स्थली है, यह हम सबों के लिए गौरव की बात है। नीतीश ने कहा कि सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी भी यहां पधारे थे। लोगों की इच्छा के अनुरुप गुरु नानक देव जी महाराज ने अपनी क्षमता से राजगीर के एक कुंड के जल को शीतल कर दिया था, जो शीतल कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। वहां गुरुद्वारे का निर्माण कराया जा रहा है। यह गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव से पहले बनकर तैयार हो जाएगा, जैसा बाबा मोहिंदर सिंह जी ने कहा है।
 
नीतीश ने कहा कि प्रतिवर्ष हो रहे आयोजन को देखते हुए सिख श्रद्धालुओं का बिहार आगमन निरंतर बड़ी संख्या में होने लगा है, जिसके लिए बार-बार टेंट सिटी बनाना पड़ता है। इसलिए स्थायी रूप से अब कम्युनिटी सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। प्रकाश पर्व पर कम्युनिटी सेंटर 25 से 30 दिनों के लिए गुरुद्वारा के हवाले कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 350वें प्रकाश पर्व की स्मृति में गुरु के बाग में सरकार की तरफ से प्रकाश पुंज की स्थापना की जा रही है, जहां सिख समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोग भी गुरु गोविंद सिंह जी महाराज से जुड़ी बातों को जान सकेंगे।
 
नीतीश ने कहा कि सिख धर्म में त्याग का विशेष महत्व है। सिख धर्म के गुरु तेग बहादुर ने अपने परिवार तक की बलि दे दी थी। गुरु गोविंद सिंह जी महाराज को सर्वंशदानी कहा जाता है।
 
उन्होंने कहा कि आज दुनिया में टकराव से मुक्ति के लिए, मानवता को सुदृढ़ करने के लिए गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के विचारों से अवगत होना होगा। नई पीढ़ी को त्याग के संदेश को ठीक ढंग से जानना होगा। शांति का संदेश नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत साबित होगा।
 
मुख्यमंत्री ने बाल लीला गुरुद्वारा जाकर भी मत्था टेका जहां बाबा कश्मीर सिंह पुरीवाला ने उन्हें सरोपा एवं तलवार भेंटकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने यहां लंगर भी छका। मुख्यमंत्री ने गोविंद प्रकाश पुस्तिका एवं कैलेंडर का भी विमोचन किया।