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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015 (13:11 IST)

गुलाम अली ने कबूल की केजरीवाल की दावत

गुलाम अली ने कबूल की केजरीवाल की दावत - Ghulam Ali
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि विश्व प्रसिद्ध पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने दिसंबर में राष्ट्रीय राजधानी में अपना कार्यक्रम पेश करने की उनकी दावत कबूल कर ली है। शिवसेना की धमकियों के चलते गुलाम अली का मुंबई और पुणे प्रोग्राम रद्द होने के बाद केजरीवाल ने यह आमंत्रण दिया था।
केजरीवाल ने गजल की दुनिया के बेताज बादशाह से सुबह फोन पर बात की थी और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अपना कार्यक्रम पेश करने की दावत दी थी। मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर अपने संदेश में लिखा कि गुलाम अली साहब, हम आपके बहुत बड़े प्रशंसक हैं। अभी आपसे अच्छी बातचीत हुई। दिसंबर में दिल्ली में प्रोग्राम करने पर सहमत होने के लिए शुक्रिया। 
 
बाद में गुलाम अली ने कहा कि वे दिसंबर में दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि 'जहां-जहां लोग उन्हें मुहब्बत से बुलाएंगे’वहां-वहां वे जाएंगे। हिन्दुस्तान से विदा होने से कुछ ही पहले उन्होंने कहा कि जी हां, मैंने दावत कबूल कर ली है और बहुत मुमकिन है कि मैं दिसंबर माह में आऊंगा। मैंने हमेशा कहा है कि जहां-जहां लोग मुझे मुहब्बत से बुलाएंगे, मैं वहां-वहां जाऊंगा। 
 
गजल की दुनिया के बेताज बादशाह ने कहा कि मैं पिछले 40 साल से भारत आ रहा हूं। जी हां, इसीलिए, मैं खुश हूं। इससे पहले, दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में गुलाम अली से मुलाकात की थी। इसके बाद केजरीवाल ने गुलाम अली से फोन पर बात की। शिवसेना की धमकियों के मद्देनजर मुंबई और पुणे के गुलाम अली के कार्यक्रम रद्द कर दिए जाने के बाद कल पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने यह कहते हुए गुलाम अली के कंसर्ट की मेजबानी करने की पेशकश की थी कि संगीत और संस्कृति की ‘कोई सरहदें नहीं होती।’
 
इस बाबत ममता ने ट्वीट किया था कि संगीत की कोई सरहद नहीं होती। संगीत दिल की धड़कन है। गुलाम अली कंसर्ट कोलकाता में हो सकता है।’उन्होंने मेजबानी की पेशकश करते हुए कहा था कि हम (गुलाम अली के कंसर्ट के लिए) तमाम तैयारियां करेंगे। 
 
उधर, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भी मेजबानी की पेशकश करते हुए कल कहा था कि संगीत, कला और संस्कृति की कोई सरहद नहीं होती। दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा था कि यहां कंसर्ट करने के लिए पाकिस्तानी गायक का स्वागत है। मिश्रा ने आरोप लगाया था कि धर्म, जाति और सरहदों के आधार पर देश की फिजा‘बिगाड़ने’की कोशिश की जा रही है।  (भाषा)