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Last Updated : गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016 (22:56 IST)

घर में रख सकेंगे 100 बोतल शराब!

घर में रख सकेंगे 100 बोतल शराब! - excise policy,
इंदौर। मध्यप्रदेश के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने शुक्रवार को इंदौर में कहा कि अधिकारियों से फीडबेक लेकर आयकरदाताओं को 100 बोतल शराब रखने की छूट की पुन: समीक्षा की जाएगी।
 
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वाणिज्यिक कर मंत्री ने आबकारी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में  कहा कि राज्य शासन द्वारा शराब विक्रय पर सामाजिक दायित्व कर’ लगाया जाएगा। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से कहा कि मनोरंजन कर को वाणिज्यिक कर विभाग से वापस लेकर आबकारी विभाग को दिया जाएगा।
 
राज्य शासन की आबकारी नीति की हर साल समीक्षा की जाती है। आय के साथ-साथ सामाजिक दायित्व तथा कानून और व्यवस्था का भी ध्यान रखना पड़ता है। आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकान से लगे अहातों का प्रयोग सफल रहा है। इन अहातों को सुविधा सम्पन्न और पार्किंगयुक्त बनाया जाएगा।
 
वाणिज्यिक कर विभाग के सभी अंगों के इंदौर जोन के अधिकारियों की बैठक में मलैया कहा कि एक तरफ कर राजस्व वसूली बढ़ाना है और दूसरी तरफ व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि विभाग के कार्यालयों में व्यापारियों को बैठने और पेयजल की सुविधा मुहैया करवायी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे बिना किसी पूर्वाग्रह के व्यापारियों से ठीक व्यवहार करें। यदि व्यापारियों को गलत ढंग से अनावश्यक नोटिस जारी किया गया या परेशान किया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
 
मलैया ने कहा कि वाणिज्यिक कर का सरलीकरण तथा नियमों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अन्य राज्यों के वाणिज्यिक कर का अध्ययन कर तुलनात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। वाणिज्यिक वाहनों का पंजीयन प्रदेश में ही होना चाहिये। इससे प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा। विभाग का पूरी तरह कम्प्यूटरीकरण जरूरी है।
मलैया ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि ई-पंजीयन जारी रहेगा। इसमें आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। ई-पंजीयन से पहले की तुलना में दोगुना तेजी से कार्य होगा। हर कार्य में शुरू में बाधा आती है। ई-पंजीयन से फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
 
मंत्री मलैया ने बताया कि पंजीयन विभाग से हर साल लगभग 19 सौ करोड़ रुपए का कर राज्य शासन को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि शहरों में मकान और फ्लैट तथा गांवों में प्लॉट की बिक्री कम हो रही है। पंजीयन विभाग की नई गाइड लाइन तैयार करते समय अधिकारियों के सुझावों को महत्व दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-रजिस्ट्री में अंगूठा निशान, हस्ताक्षर और फोटो अनिवार्य है।   (एजेंसियां)