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उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व संपन्न

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व संपन्न - Chhath festival
-अनुपमा जैन
 
यमुना का घाट, भोर की पहली किरण के फूटने से पहले का वक्त, प्रकाश अंधकार को पूरी कोशिश से पीछे धकेल रहा था। घाट पर मद्धम-सा उजाला चारों ओर बिखर रहा था। घाट से कुछ दूरी पर ऊंचे दरख्तों पर बैठी चिड़ियों की चहचहाहट तेज होती जा रही थी। इस वक्त अक्सर उनींदा से रहते इस घाट पर श्रद्धालुओं के समूह पूजा-पाठ, भजन में जुटे हुए थे।
 
आज तड़के से ही सूर्य देवता को अर्घ्य देने का बेसब्री से इंतजार हो रहा था। इसी के साथ 4 दिवसीय छठ पर्व आज संपन्न हो गया। सूर्य देवता के अवतरित होते ही घाट के आसपास चहल-पहल, भजनों की आवाजें अचानक तेज हो उठीं। घाट पर जुड़े श्रद्धालु विशेषकर महिलाएं यमुना के अंदर जाकर जल में खड़े होकर अर्घ्य देने लगीं। वे अपनी संतान, घर-परिवार के कल्याण की कामना कर रही थीं। लोक-आस्था का पर्व छठ आज सुबह उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। 4 दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद 3 दिन से व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' किया।
 
देश के पूर्वांचल क्षेत्र के साथ ही पिछले काफी समय से यह पर्व महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के अनेक भागों में पूरी धूमधाम से मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक राजनेताओं ने देशवासियो को छठ पर्व की शुभकामनाए दी हैं।
 
दिल्ली के यमुना घाट भी पिछले 4 दिन से भक्ति और त्योहार के उल्लास से भरे थे। दिल्ली के घाटों पर 'आंख ही फुटेला बटोहिया ई भार छठि मैया जाए...' इस पारंपरिक भोजपुरी गीत की गूंज के साथ ही कल शाम को यमुना के पावन तट पर छठ पर्व पूजा का शुभारंभ हो गया। हजारों श्रद्धालुओं ने छठ माता की वेदियों पर फल, फूल और सब्जियां चढ़ाकर पूजा-अर्चना की।
 
इससे पहले महिला श्रद्धालु अपने घरों से बांस की टोकरी में पूजा का सामान सिर पर रखकर पारंपरिक गीत गाते हुए यमुना तट पर पहुंचीं। छठ पर्व उत्सव पर हर साल शहर के नजदीक स्थित यमुना के तट पर हजारों श्रद्धालु जुटते हैं, क्योंकि जिले में बिहार और उत्तरप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के हजारों की संख्या में लोग निवास करते हैं, जो छठ पर्व पर हर साल यमुना के तट पर आकर पूजा-अर्चना करते हैं। 
 
कल शाम भक्तों ने यमुना में पवित्र स्नान किया और तट पर बनी वेदियों पर दीये जलाए। इस मौके पर दिल्ली के 75 यमुना घाटों का निर्माण विशेष तौर पर करवाया गया तथा जलाशयों और घाटों की सफाई-सज्जा की गई तथा विशेष सुरक्षा बंदोबस्त किए गए। 
 
छठ पर्व को लेकर 4 दिनों तक पूरा बिहार भी भक्तिमय रहा, त्योहार के उल्लास से परिपूर्ण रहा। जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा राज्य में नदी और तालाब पर बने घाटों की साफ-सफाई के साथ सड़कों को आकर्षक तरीके से सजा गया। मोहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। 
 
राजधानी पटना की सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया गया। राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई। आम से लेकर खास, हर वर्ग के लोग सड़कों की सफाई में व्यस्त रहे। छठ को लेकर राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे।
 
गंगा के तटों से लेकर जलाशयों के घाटों पर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम देखे गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जनता को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठ का पर्व महान आस्था एवं पवित्रता का त्योहार है तथा यह हिन्दुस्तानी संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
 
बिहार के अनेक राजनेताओं ने इस पर्व को सपरिवार धूमधाम से मनाया और जनता को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री की पत्नी शांतिदेवी ने गया जिले में छठ पर्व मनाते हुए कहा कि पूर्व में उनके पति इस अवसर पर उनके साथ रहा करते थे, पर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते उन पर पूरे राज्य के श्रद्धालुओं का ख्याल रखे जाने की जिम्मेदारी है। वे अपने बच्चों, पति और प्रदेश की खुशहाली के लिए छठ व्रत रखती हैं।
 
केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने अपनी पत्नी और पुत्र एवं सांसद चिराग पासवान सहित अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पटना स्थित अपने आवास पर छठ पर्व मनाया। केंद्रीय कानून, संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद छठ पर्व के अवसर पर पटना पहुंचे और गंगा किनारे स्थित छठ घाटों कई व्यवस्थाओं का मुआयना किया। उन्होंने बिहार के यशस्वी बनने की शुभकामनाएं दीं।
 
पूर्व की भांति इस वर्ष जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के घर पर छठ पर्व सार्वजनिक रूप से धूमधाम से नहीं मनाया गया। हृदयरोग के इलाज के बाद लालू प्रसाद दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के छठ पर्व का धूम-धड़ाकेभरा आयोजन बहुत चर्चित रहता है। नीतीश ने भी ने इस बार फेसबुक के जरिए छठ पर्व की सभी को शुभकामना दी है।
 
सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा मुंबई में भी खासे उल्लास से मनाया गया। सूर्य देवता की उपासना वाले भोजपुरी भजनों की स्वर लहरियां जब जुहू बीच पर गूंजीं, तो ऐसा लगा मानो एक छोटा-सा बिहार ही मुंबई के इस समुद्र तट पर निकल आया हो। रह-रहकर बिहारी, उत्तर भारतीय और मराठी के मुद्दों के नारे सुनने वाले मुंबई के समुद्र तटों पर क्या भोजपुरी, क्या मराठी- सभी इस पूजा-पाठ में पूरी तरह से रमे नजर आए।
 
जुहू बीच पर पुलिस प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था थी, जहां पीले सिंदूर को नाक से मांग तक सजाए महिलाओं का रैला और गन्ने के गट्ठर सिर पर रखे पुरुष बड़ी संख्या में नजर आ रहे थे। पिछले कई वर्षों से छठ पूजा का आयोजन करने वाले कांग्रेसी नेता संजय निरुपम ने कहा कि छठ पूजा करने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
 
इस मौके पर लोगों के मनोरंजन के लिए गायक सोनू निगम भी मौजूद थे। कई पारंपरिक भोजपुरी गीतों के साथ बॉलीवुड के भी गानों का दौर चला। अहमदाबाद में भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने छठ पूजा समारोह में हिस्सा लिया।
 
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में छठी तिथि पर महिलाएं 36 घंटे का निर्जल व्रत रखती हैं। कुल 4 दिनों के पर्व पर व्रत के दौरान 2 दिन तक छठ मनाई जाती है। पहले दिन छोटी और दूसरे दिन बड़ी छठ मनाई जाती है। दिन ढलने के बाद स्त्रियां घुटनों तक पानी में खड़े होकर उनसे पति और पुत्र की लंबी आयु की कामना करती हैं। गौरतलब है कि इस व्रत को अविवाहित लड़कियां नहीं रखतीं। 
 
यमुना घाट पर अब सूर्य देवता का तेज और तेज हो रहा है। सूर्य देवता की स्तुति में जानी-मानी भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा की खनकभरी आवाज में लाउडस्पीकर पर गूंजते भजन के बीच श्रद्धालु, महिलाएं, बच्ची धूमधाम से वापस लौट रहे हैं। घाट का त्योहार घर लौट रहा है, घाट फिर उनींदा-सा लग रहा है। लग रहा है, अभी से अगले वर्ष के छठ पर्व, उसकी घाट पर होने वाली रौनक का इंतजार करने लगा है, पर उससे पहले श्रद्धालु घाटों पर जो गंदगी छोड़ गए हैं, वक्त उसकी साफ-सफाई का है। (वीएनआई)