शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Baljit Singh, SP
Written By
Last Updated :कपूरथला , सोमवार, 27 जुलाई 2015 (20:30 IST)

DSP पिता के बाद SP बेटे की शहादत

DSP पिता के बाद SP बेटे की शहादत - Baljit Singh, SP
कपूरथला। लश्कर के आतंकी हमले में सोमवार की सुबह गुरदासपुर के एसपी बलजीत सिंह शहीद हो गए। बलजीत सिंह के पिता अछेर सिंह ने भी 1984 में  उग्रवादियों के हमले में मारे गए थे। 
 
इस बहादुर परिवार के बेटे ने भी आज अपना फर्ज निभाया और अपने प्राणों की आहूति दे दी। एसपी बलजीत सिंह को मौत की नींद सोए कुछ घंटे ही हुए हैं लेकिन उससे पहले ही पूरा देश इस शहीदी परिवार को नम आंखों से नमन कर रहा है। 
 
1984 में जब पूरा पंजाब आतंक से सुलग रहा था, तब पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात अछेर सिंह उग्रवादियों के हमले में  शहीद हो गए थे। उनकी शहादत की कहानियां आज तक कपूरथला की गलियों में सुनाई जाती रही हैं।
 
चूंकि सेवा में रहते हुए डीएसपी अछेर सिंह शहीद हुए थे, लिहाजा उनके बेटे बलजीत सिंह को पंजाब पुलिस ने 1985 में असिसटेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) की अनुकंपा नियुक्ति दी थी। एएसआई से एपी तक की कुर्सी तक पहुंचने में बलजीत सिंह ने ईमानदारी की कई मिसालें स्थापित कीं। वे कभी फर्ज से विमुख नहीं हुए और हर बड़ी समस्या के सामने अपना सीना तानकर खड़े रहे। 
 
आज भी जब गुरदासपुर के थाने में आतंकी हमला हुआ, तब भी उन्होंने सीमा पार से आए आतंकियों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें खदेड़ा। आतंकी अत्याधुनिक चीनी हथियारों से लैस थे। 

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बलजीत सिंह के अंतिम शब्द यही थे, मैं इन्हें खदेड़कर रहूंगा और जब तक जान में जान है, मोर्चे पर डटा रहूंगा, तभी  आतंकियों की गोली एसपी बलजीत सिंह के सिर में लगी और खून का फव्वारा फूट पड़ा। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। 
 
पंजाब ही नहीं, पूरा देश इस शहीद परिवार को सलाम कर रहा है, जिसने एक नहीं दो-दो शहीदों की कुर्बानी देश की रक्षा करते हुए दी है। कुदरत का भी कैसा न्याय है, समझ नहीं आता...

एसपी बलजीत सिंह के घर में पत्नी कुलवंत कौर के अलावा 22 साल की बेटी पर‍मिंदर, 20 साल की रविंदर कौर और एक पुत्र मनिन्दर सिंह है। 24 साल के मनिन्दर की अगले ही महीने शादी है, लिहाजा घर में अभी से रौनक जमने लगी थी लेकिन जैसे ही बलजीत सिंह के शहीद होने की खबर पहुंची, घर में कोहराम मच गया। 
 
समूचा कपूरथला आज गमजदा है। जिस घर में शहनाइयां गूंजने वाली थी, वहां अब मातम पसरा पड़ा है। आगतुंकों के आते ही दिल चीर देने वाली चीखें सुनाई देती हैं। आंसुओं में डूबी सैकड़ों आंखें बलजीत सिंह के घर के आसपास जमा हैं। इंतजार तो सिर्फ बलजीत सिंह के पार्थिव शरीर का है...मंगलवार को उनका यहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।