अहमदाबाद। विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अपने पद से हटने की पेशकश करते हुए भाजपा नेतृत्व से उन्हें कार्यभार से मुक्त करने को कहा क्योंकि वे जल्द ही 75 वर्ष की होने वाली हैं।
आनंदी बेन पटेल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखी यह चिट्ठी...
उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि वे पार्टी से कहेंगी कि वे कार्यमुक्त करें। गौरतलब है कि गुजरात में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मैं चाहती हूं कि पार्टी यहां पर नए नेतृत्व की घोषणा करे। गुजरात में पाटीदार आरक्षण विवाद और हाल ही में दलित पिटाई विवाद ने जोर पकड़ा था। दोनों ही विवादों को वे सही तरह से सुलझा नहीं सकीं थी।
राज्य की भाजपा सरकार में 1998 से मंत्री पद पर रहीं और 2014 से राज्य की मुख्यमंत्री के पद पर आसीन पटेल के नेतृत्व में भाजपा नरेंद्र मोदी काल के बाद से इस बार पहली बार विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना कर रही है। आगामी 21 नवंबर को 75 वर्ष की आयु पूरी करने वाली पटेल ने यह भी कहा कि भाजपा को अगले साल होने वाले चुनाव से पहले राज्य में एक नए चेहरे की जरूरत है।
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, पिछले कुछ समय से पार्टी की यह परंपरा रही है कि जो लोग 75 वर्ष की आयु पूरी कर लेते हैं वे अपने पद से स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। नवंबर में मैं 75 वर्ष की आयु पूरी कर लूंगी। आनंदीबेन पटेल ने नरेंद्र मोदी के केंद्र की राजनीति में आने के बाद 22 मई 2014 को मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
पटेल ने कहा, दो महीने पहले मैंने पार्टी से अनुरोध किया था कि मुझे इस पद से मुक्त कर दिया जाए और आज इस पत्र के जरिए मैं पार्टी से मुझे इस पद से मुक्त करने का अनुरोध करती हूं।उन्होंने कहा, मैं पार्टी से दो महीने पहले सेवामुक्त करने को इसलिए कह रही हूं, क्योंकि नए मुख्यमंत्री को काम करने के लिए समय की जरूरत पड़ेगी। राज्य में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसा एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
उन्होंने कहा, यह (75 की उम्र का नियम) एक अच्छी चीज है और इससे युवा नेताओं को आगे आने का मौका मिलेगा। भाजपा के भीतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में मौखिक घोषणा पत्र तय किया गया जो इस प्रकार से है कि 75 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नेताओं को पद छोड़ना होगा।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2015 में ग्रामीण नगर निकाय चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन बुरा रहने से पटेल को परेशानी झेलनी पड़ी थी, साथ ही उन्हें पटेल समुदाय की ओर से आरक्षण कोटा आंदोलन का भी सामना करना पड़ा था। हाल ही में उना में दलितों के उत्पीड़न की घटना से भी पार्टी की छवि खराब हुई।
पचहत्तर वर्ष की आयु पूरी होने पर पद से सेवानिवृत्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अघोषित आयु सीमा तय किए जाने के बाद से पटेल के भाग्य को लेकर अटकलें जोरों पर रही हैं। मई, 2014 में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाली आनंदीबेन पटेल इस साल 21 नवंबर को 75 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगी। वे 1941 में जन्मी थीं।
केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला को भी आयु सीमा पार करने के चलते हाल ही में कथित तौर पर अपना इस्तीफा देने को कहा गया। इससे पहले, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह सहित कई मंत्रियों को उम्र की सीमा के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रिमंडल से हटाया गया।
वर्ष 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेताओं के मंत्री पद पाने के रास्ते में आयु सीमा कथित तौर पर रुकावट बनी थी। सिन्हा ने बाद में तीखी प्रतिक्रिया में कहा था, भाजपा ने 75 वर्ष से अधिक आयु के अपने नेताओं को '26 मई 2014 को दिमागी तौर पर शून्य घोषित' कर दिया है।
आनंदी बेन पटेल के पद छोड़ने के बाद गुजरात की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी, यह सबसे बड़ा सवाल है। नए मुख्यमंत्री की दौड़ में तीन नाम आगे चल रहेे हैं। यह नाम हैं नितिन पटेल, विजय रूपाली और पुरुषोत्तम रूपाला। जो भी हो, नया मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद का ही बनेगा। आनंदी बेन पटेल गवर्नर हाउस पहुंच चुकी हैं। वे राज्यपाल से मिलने यहां पहुंची हैं।
उधर आनंदी बेन पटेल के इस्तीफे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस्तीफे पर संसदीय बोर्ड फैसला करेगा। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि आनंदी बेन पटेल का इस्तीफा मिला है। (भाषा/ वेबदुनिया)