अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में आया अदालत का कड़ा फैसला
जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक अदालत ने अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में आज भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश दिनेश चंद गुप्ता ने भवेश पटेल पर 10 हजार और देवेन्द्र गुप्ता पर पांच हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है।
ख्वाजा मोइनुदुदीन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को रोजा इफ्तार के समय हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गयी थी और 15 अन्य घायल हो गए थे। अदालत ने आठ मार्च को भवेश और देवेंद्र को दोषी करार दिया था जबकि स्वामी असीमानंद को मामले में रिहा कर दिया था। तीसरे दोषी सुनील जोशी की विस्फोट के कुछ समय बाद ही मौत हो गई थी।
मामले की जांच पहले एटीएस राजस्थान को दी गई थी लेकिन बाद में इसे एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया, जिसने छह अप्रैल 2011 को नई दिल्ली के एनआईए पुलिस थाने में इसे पुन: दर्ज किया था। इसमें लगभग 149 गवाह थे एवं 451 दस्तावेजों की जांच की गई और एनआईए ने मामले में तीन पूरक आरोप पत्र भी दायर किए थे। (भाषा)