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Written By रवि भोई
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:52 IST)

बृजमोहन अग्रवाल वजनदार मंत्री

छत्तीसगढ़ की डायरी

बृजमोहन अग्रवाल वजनदार मंत्री -
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विभागों के मामले में डॉ. रमन मंत्रिमंडल में बृजमोहन अग्रवाल सबसे वजनदार मंत्री हैं। बृजमोहन को भले इस बार वन या पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग नहीं मिले, लेकिन जल संसाधन विभाग तो पीडब्ल्यूडी जैसा ही निर्माण विभाग है और कृषि व पशुपालन भारी-भरकम विभाग है।

कृषि व पशुपालन में केंद्रीय योजनाएं बहुत ज्यादा है। इस कारण केंद्र से भारी राशि आती है, वहीं राज्य ने कृषि के लिए अलग बजट का निर्धारण कर दिया है। ऐसे में बृजमोहन अग्रवाल पहले के मुकाबले ज्यादा भारी विभागों के कर्ताधर्ता हो गए।

कहा जा रहा है बृजमोहन ने अपनी पसंद से कृषि व सिंचाई विभाग को चुना है। वैसे डॉ. रमन ने कृषि व सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी एक ही मंत्री को देकर दूरगामी फैसला लिया है। बृजमोहन अग्रवाल नए विभागों के जरिए अपनी क्षमता व अनुभव को नए तरीके से जनता को दिखा सकेंगे।

अजय व मूणत रमन के खास : पांच साल वनवास काटने के बाद अजय चंद्राकर की मंत्रिमंडल में धमाकेदार वापसी हुई है। मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे पहले शपथ लेने वाले मंत्रियों में अजय चंद्राकर थे। इसके बाद अमर अग्रवाल को शपथ दिलाई गई। अंग्रेजी वर्णमाला के तहत नामों की सूची तय करने में भी ए से पहले अमर अग्रवाल का नाम आता है, फिर अजय चंद्राकर का।

अमर लगातार तीसरी बार मंत्री बने हैं। चंद्राकर पिछले कार्यकाल में मंत्री नहीं थे। अजय को फिर पंचायत व ग्रामीण विकास के साथ संसदीय कार्य विभाग मिल गया। पिछले कार्यकाल में संसदीय कार्य बृजमोहन के पास था।

विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का काम अब अजय करेंगे, वहीं मुख्यमंत्री ने राजेश मूणत को पर्यावरण व परिवहन के साथ पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी देकर उनके प्रति निष्ठा का प्रतिफल दे दिया।

भाजपा मैनेजमेंट में पास : भाजपा ने 2013 का चुनाव पूरा मैनेजमेंट से जीता। इस चुनाव के लिए डॉ. रमन के खास सिपहसालार व कुछ अधिकारियों की रणनीति काम आई। पहले चरण में भाजपा के मात खाने की खबर से संघ व विहिप से जुड़े लोग मैदानी इलाकों में सक्रिय हुए।

मुख्यमंत्री के सिपहसालार डॉ. कमलेश्वर अग्रवाल ने सतनामी वोट बैंक को कांग्रेस से काटने की रणनीति बनाई, वहीं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमनसिंह ने मैनेजमेंट का काम संभाला।

चुनाव के दौरान अमनसिंह सिविल लाइन के एक दफ्तर में ही बैठकर सारी चीजों को मैनेज किया, वहीं कांग्रेस नेता हवा में रहे। बस्तर में मतदान के बाद वे सरकार के सपने देखने में लग गए और गच्चा खा गए।

चुनाव में खूब बिकी सफारी : बताते हैं इस बार विधानसभा चुनाव में टाटा सफारी की खपत कुछ ज्यादा रही। कहा जा रहा है कि प्रदेश में 27 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ाने वाले एक नेता ने खास प्रत्याशियों के वोट काटने के एवज में मोटी रकम वसूली। रकम मिलते ही वह अपने व अपने प्रत्याशियों के लिए एक-एक सफारी खरीदी।

पीसीसी में बदलेंगे चहेरे : भूपेश बघेल के अध्यक्ष बनने के बाद अब कई चेहरे पीसीसी से गायब हो जाएंगे। डॉ. चरणदास महंत के साथ साए के समान चलने वाले प्रदेश सचिव अमित पांडे अब शायद ही बघेल के दाएं-बाएं दिखें।

वैसे डॉ. महंत के समय में पीसीसी में छाए दूसरे नेता भी कम ही दिखने वाले हैं। भूपेश की टीम में कई नए लोगों को मौका मिल सकता है। भूपेश कांग्रेस को तेजी से दौड़ाने की कोशिश करेंगे। कहा जा रहा है कि भूपेश पीसीसी में बैठे कई नेताओं को फील्ड में दौड़ा सकते हैं।

भूपेश ने पिछली बार रायपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़कर सबको चौंका दिया था। ऐसा ही कुछ इस बार प्रदेश अध्यक्ष बनकर किया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इतनी जल्दी बदलाव की उम्मीद किसी को नहीं थी।

लोकसभा तक झुनझुना : डॉ. रमनसिंह ने तीसरी पारी की कमान संभालने के बाद निगम-मंडल में पदस्थ भाजपा नेताओं को झटका दे दिया। भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि अपनी सरकार आएगी और वे चलते रहेंगे। सरकार बदलते ही व्यवस्था बदल जाती है, ऐसा ही कुछ निगम-मंडल अध्यक्षों के साथ हो गया।

मुख्यमंत्री निवास से इस्तीफे का संदेश मिलने के बाद कई बेमन से गए और उदास होकर लौटे। अब कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तक किसी को कुछ नहीं मिलने वाला। लोकसभा में परफॉर्मेंस के बाद ही निगम-मंडलों में पद मिलेंगे।

लोकसभा में भाजपा के कई चेहरे बदलेंगे : लोकसभा चुनाव में भाजपा काफी ठोक-बजाकर प्रत्याशी मैदान में उतारेगी, क्योंकि केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटें जीतना जरूरी है।

कहा जा रहा है कि आरोपों से घिरे व खराब छवि वाले किसी प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया जाएगा और न ही विधानसभा चुनाव में हारे किसी मंत्री व नेता को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जाएगा।

टिकट कटने वाले लोकसभा सदस्य में सबसे पहले जांजगीर की सांसद कमला पटले का नाम लिया जा रहा है, चर्चा है कि भाजपा जांजगीर से निर्मल सिन्हा को प्रत्याशी बनाएगी। इस बार पार्टी नंदकुमार साय को सरगुजा से चुनाव लड़ाएगी, वहीं कई नए चेहरे को मौका मिल सकता है।