हनुमान जयंती : जन्म समय के 6 रहस्य, जानकर चौंक जाएंगे
रामभक्त हनुमानजी सर्वशक्तिमान और सर्वमान्य और सर्वज्ञ है। शोधानुसार प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था, जबकि हनुमनाजी का जन्म कहां हुआ था यह स्पष्ट नहीं है। कपिस्थल या किष्किंधा में उनके जन्म होने की बात कही जाती है।
1. हनुमान जयंती को उत्तर भारत में अलग और दक्षिण भारत में अलग तिथि को मनाई जाती है। तमिलानाडु और केरल में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा उड़ीसा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाई जाती है।
2. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6:03 बजे हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था। मतलब यह कि चैत्र माह में उनका जन्म हुआ था। अर्थात ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक मार्च या अप्रैल के बीच।
3. वाल्मिकी रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। अर्थात सितंबर-अक्टूबर के बीच हनुमान जयंती आती है।
4. कहते हैं कि एक तिथि (चैत्र) को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में जबकि दूसरी तिथि (कार्तिक) को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
5. पहली तिथि के अनुसार इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी जबकि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को उनका जन्म हुआ हुआ था।
6. एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था।
अंतत: यह कहना होगा कि हनुमानजी का जन्म हिन्दू पंचांग के अनुसार दो तिथियों को मनाया जाता है। पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को दूसरे कार्तिक माह की चतुर्दशी को।