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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 20 नवंबर 2024 (15:44 IST)

मार्गशीर्ष के गुरुवार को महाविष्णु की उपासना का महत्व और जानिए सरल पूजा विधि

मार्गशीर्ष के गुरुवार को महाविष्णु की उपासना का महत्व और जानिए सरल पूजा विधि - Mahavishnu Lakshmi puja vidhi in margashirsha maas 2024
Vishnu Lakshmi puja vidhi: मार्गशीर्ष माह को अगहन माह भी कहते हैं। इस माह के गुरुवार को भगवान श्री महाविष्णु और उनके स्वरूप भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा का खास महत्व रहता है। पुराणों में अगहन माह को विष्णु पूजन के श्रेष्ठ माहों में से एक बताया गया है। मार्गशीर्ष माह के प्रथम गुरुवार या सभी गुरुवार को श्रीहरि और श्री लक्ष्मी की पूजा का भी खास महत्व बताया गया है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अगहन मास में मां लक्ष्मी की स्थापना और पूजा की परंपरा है। मान्यता है कि तुलसी और लक्ष्मी की पूजा पूरे मार्गशीर्ष या अगहन महीने में करने या फिर इस माह के हर गुरुवार को एकसाथ करने और अन्न दान करने से लक्ष्मी खुश होती हैं तथा उनके आगमन के बाद उनका स्थायित्व बना रहता है। इससे सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।ALSO READ: Vishnu puran : विष्णु और भागवत पुराण की 10 भविष्यवाणियां
 
महाविष्णु और लक्ष्मी की गुरुवार की पूजा विधि- Lord Vishu Worship
- गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले जागकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाकर भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- इस दिन श्री विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनका विधिवत पूजन करें।
- भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है, अत: पूजन के समय उन्हें पीले रंग के पुष्प चढ़ाएं।
- विष्णु जी की पूजा करते समय धूप-दीप जलाएं।
- श्री विष्‍णु की कथा का वाचन करें।
- पूजन के बाद विष्णु जी और लक्ष्मी जी की आरती करें।
- पूजन के उपरांत पीले रंग की मिठाई अथवा पीले फलों का भोग लगाएं।
- श्री विष्णु का निवास केले के वृक्ष में भी माना गया है अत: गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा अवश्‍य करें और जल भी चढ़ाएं।
- भगवान् श्रीहरि विष्णु के नामों का अधिक से अधिक जाप करें।
- श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
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- मां को प्रसन्न करने के लिए घर के द्वार पर दीपों से रोशनी करें तथा घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल के आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनानी चा‍हिए। अल्पनाओं में मां लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाएंगे।
- फिर माता लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजा कर कलश की स्थापना करके मां लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाए। 
- मान्यतानुसार अगहन महीने के गुरुवारी पूजा में मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने से उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सायंकाल में भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा तथा इस अवसर पर आस-पड़ोस की महिलाओं, बहू-बेटियों को प्रसाद खाने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है। 
- गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू हो जाता है। 
- सभी अपने-अपने तरीके से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक जतन करेंगे ताकि अगहन मास में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो, सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहे। 
 
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