गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Masik Shivratri chaturdashi
Written By
Last Updated : शनिवार, 25 जून 2022 (09:11 IST)

आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि के दिन करें शिवजी की पूजा, बरसेगी कृपा

आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि के दिन करें शिवजी की पूजा, बरसेगी कृपा - Masik Shivratri chaturdashi
Masik Shivratri 2022: शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के अलावा हर माह मासिक शिवरात्रि आती है। प्रति माह कृष्‍ण पक्ष की जो चतुर्दशी होती है उसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस बार मासिक शिवरात्रि के व्रत 27 जून 2022 सोमवार को रखा जाएगा।
 
 
मासिक शिवरात्रि का महत्व : चतुर्दशी (चौदस) के देवता हैं शंकर। इस तिथि में भगवान शंकर की पूजा करने से मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों को प्राप्त कर बहुत से पुत्रों एवं प्रभूत धन से संपन्न हो जाता है।
 
मंत्र : ॐ नम: शिवाय नम: या ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
 
 
प्रहर के 4 मंत्र- 'ॐ हीं ईशानाय नम:' 'ॐ हीं अधोराय नम:' 'ॐ हीं वामदेवाय नम:' और 'ॐ हीं सद्योजाताय नम:' मंत्र का जाप करना करें।
 
पूजा सामग्री : भगगवान शिव की पूजा के लिए साफ बर्तन, देसी घी, फूल, पांच प्रकार के फल, पंचमेवा, जल, पंचरस,चंदन, मौली, जनेऊ, पंचमेवा, शहद, पांच तरह की मिठाई, बेलपत्र, धतूरा, भांग के पत्ते, गाय का दूध, चंदन, धूप, कपूर, मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री, दीपक, बेर, आदि लेना चाहिए.।
Shivling
 
कैसे करें मासिक शिवरात्रि चतुर्दशी की पूजा विधि- Masik Shivratri puja vidhi
 
*शिवरात्रि के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
*शिवरात्रि के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
*उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
*फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
*इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
*इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
*पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
*पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
*शिव पूजा के बाद शिवरात्रि व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।
*व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
*दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
*संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन करें।
ये भी पढ़ें
मंगल राहु का अंगारक योग, देश में फैलेगी हिंसा और रोग