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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 24 मार्च 2011 (19:06 IST)

उड़ीसा नहीं अब कहिये ओडिशा

उड़ीसा नहीं अब कहिये ओडिशा -
उड़ीसा के नए नाम ओडिशा को अब जल्द ही कानूनी मान्यता मिल जायेगी क्योंकि गुरुवार को ससंद ने इससे संबंधित विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी।

गृहमंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश उड़ीसा नाम पर्वितन विधेयक 2010 और इसी संबंध में संविधान 113 वाँ संशोधन विधेयक को राज्यसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। सदन ने संविधान संशोधन विधेयक को शून्य के मुकाबले 169 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा नौ नवंबर 2010 को यह विधेयक पारित कर चुकी है।

चिदम्बरम ने इन दोनों विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि उड़ीसा सरकार ने राज्य का नाम बदलकर ओडिशा करने और इसी के अनुसार इसके हिन्दी अनुवाद को परिवर्तित करने के लिए उड़ीसा विधान सभा द्वारा पारित प्रस्ताव को दिसम्बर 2008 में केन्द्र सरकार को भेजा था। उसी संदर्भ में यह विधेयक यहाँ पेश किया गया है।

गृहमंत्री ने कहा कि संघीय व्यवस्था की सच्ची भावना के अनुरूप संसद ने उड़ीसा के लोगों की इच्छा का सम्मान किया है। इससे साथ ही सदन ने उड़िया भाषा के स्थान पर ओडिया भाषा करने संबंधी संशोधन को भी मंजूरी दे दी।

विधेयक पर हुई चर्चा में भाजपा के रूद्र नारायण पाणि, रामदास अग्रवाल और चंदन मित्रा, कांग्रेस के रामचंद्र खूंटिया और सुशीला तिरिया, बीजद के प्यारीमोहन महापात्र, जदयू के शिवानंद तिवारी, माकपा के टीके रंगराजन, राकांपा के जनार्दन वाघमरे, शिवसेना के भरत कुमार राउत, भाकपा के सैयद अजीज पाशा, आरएसपी के अवनी राय, राजद के राजनीति प्रसाद और द्रमुक के टी शिवा ने भी भाग लिया। (भाषा)