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Written By WD
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010 (11:30 IST)

पेट्रो कीमतों में बढ़ोतरी कुछ दिनों के लिए टली

Petrol hike put on hold | पेट्रो कीमतों में बढ़ोतरी कुछ दिनों के लिए टली
बुधवार को कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हुई और इसमें पेट्रोल, डीजल तथा मिट्‍टी के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी करने का फैसला कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया। पेट्रो उत्पादों की कीमतों में वृद्धि तो एक अनिवार्य बुराई है जिसे टाला नहीं जा सकता है लेकिन ईंधन की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाए,इस बात को लेकर माथापच्ची की गई पर इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।

कोर कमेटी की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदम्बरम और पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा मौजूद थे लेकिन सर्वसम्मति से कोई फैसला नहीं हो सका।

सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला होगा लेकिन इसे टाल पाना भी संभन नहीं है और कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं में भी मतभेद हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस पेट्रो कीमतों में चार रुपए और डीजल कीमतों में एक रुपए बढ़ाना चाहती है लेकिन सरकार के कई घटक दल इससे सहमत नहीं हैं।

जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय अन्य उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी चाहती है जिसे केन्द्र सरकार के सहयोगी दल किसी भी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

इसलिए यह बढ़ोतरी उतनी नहीं होगी जि‍‍तनी कि पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है और इसे पेट्रोल डीजल कीमतों पर गठित पारिख समिति ने सुझाई हैं। इस समित‍ि का कहना है कि तेल कीमतों को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया जाए और पेट्रो उत्पादों पर जो भारी भरकम सब्सिडी दी जा रही है, उसे धीरे धीरे कम किया जाए या पूरी तरह से समाप्त करने की व्यवस्था की जाए।

बुधवार रात को हुई बैठक में किरीट पारिख समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई जिसने देश के ईंधन मूल्य निर्धारण व्यवस्था में ही आमूलचूल बदलाव करने की अनुशंसा की है। इन अनुशंसाओं, सिफारिशों पर तेल मंत्रालय ने तो अपनी मोहर लगा दी है। लेकिन यूपीए सरकार इतने अलोकप्रिय और लोगों के लिए तकलीफदेह फैसले लेने के हक में नहीं है।

समित‍ि की सिफारिशों पर तेल मंत्रालय ने पेट्रोल में कम से कम 3 रुपए, डीजल में 2 रुपए, मिट्‍टी के तेल में 3 रुपए और घरेलू गैस के सिलिंडर में प्रति सिलिंडर 50 रुपए तक बढ़ाने की सिफारिश की है। लेकिन पारिख समिति का कहना है कि पेट्रो कीमतों को सरकारी नियंत्रण से ही मुक्त कर दिया और अगर ऐसा किया जाता है तो मिट्‍टी का तेल 6 रुपया प्रति लीटर और गैस सिलिंडर 100 रुपए प्रति सिलिंडर महँगा हो सकता है।

सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह फैसला करना सरल नहीं होगा क्योंकि सरकार के घटक दलों, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके, ने साफ कर दिया है कि वे इस फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। बंगाल में अगले साल ही विधानसभा चुनाव हैं इसलिए तृणमूल कांग्रेस को यह फैसला गवारा नहीं है।

पर केन्द्रीय मंत्रिमंडल इस बात को लेकर भी चिंतित है कि पेट्रो कीमतों को लेकर यथास्थितिवाद भी अधिक समय तक नहीं बनाए रखा जा सकेगा। इसलिए कीमतें बढ़ाने का फैसला देर सवेर लेगा ही पड़ेगा।

गुरुवार को भी केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारिख समिति की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि उन पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी करने का दबाव है।

गौरतलब है कि पारिख समिति से पहले भी विशेषज्ञों के कई दलों ने ऐसे ही सुझाव दिए थे लेकिन किसी भी सरकार में इतनी राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं रही कि वह देश में ईंधन की कीमतों के निर्धारण में बुनियादी परिवर्तन करे। डीएमके और तृणमूल पार्टी के अलावा कांग्रेस के भीतर से राय जाहिर की जा रही है कि सरकार को केवल पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए लेकिन डीजल, किरोसिन और खाना पकाने की गैस की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करना संभव नहीं होगा।

सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों का भी मानना है कि सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों और अन्य विकास कार्यक्रम को चलाने के लिए ईंधन सब्सिडी के बढ़ते आकार को न केवल घटाना होगा वरन इस पर धीरे धीरे रोक भी लगानी होगी। कांग्रेसी नेता किरोसिन और गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ हैं लेकिन पेट्रो उत्पादों में बढ़ोतरी का मुद्‍दा ज्यादा से ज्यादा अगले सप्ताह तक टल सकता है और सरकार को न चाहते हुए भी इस मुद्‍दे पर कोई फैसला करना पड़ेगा। (वेबदुनिया न्यूज)