Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 15 जनवरी 2010 (14:11 IST)
...तो वकालत से पहले देना होगा इम्तिहान
कानूनी सुधारों पर सरकार के एक प्रस्ताव को यदि अमलीजामा पहना दिया गया तो कानून स्नातकों (एलएलबी) को अदालत में वकालत शुरू करने से पहले एक जाँच-परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्त कर चुके कानूनी सुधारों पर कानून मंत्रालय के एक मसौदे के मुताबिक एडवोकेट एक्ट, 1961 के मसले पर बार के आला सदस्यों से इस मकसद से परामर्श किया जा सकता है, ताकि बार में प्रवेश से पहले जरूरी एंप्रेंटिसशिप को फिर से बहाल किया जा सके और संभवत: वकीलों के लिए एक क्वालिफाइंग परीक्षा शुरू की जा सके।
मंत्रालय ने कहा कि वकीलों से लिया जाने वाला इम्तिहान ठीक वैसा ही होगा, जैसा उच्चतम न्यायालय के ‘एडवोकेट-ऑन रिकॉर्ड’ के लिए तय किया गया है।
इस बाबत कानून मंत्रालय के अधिकारी पहले ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से परामर्श कर रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में कानूनी शिक्षा के स्तर में भारी अंतर के मद्देनजर सदस्यों में पेशेवर काबिलियत को बढ़ावा देने के लिए एडिशनल कोर्स इनपुट को प्रोत्साहित किया जाना है।
पिछले साल कानूनी सुधारों पर राष्ट्रीय परिचर्चा के दौरान इस मुद्दे पर सरकार और उच्च न्यायपालिका के बीच गहन चर्चा की गई थी। (भाषा)