Last Modified: वॉशिंगटन ,
बुधवार, 3 नवंबर 2010 (15:23 IST)
प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े हार्मोन की खोज
मानव शरीर में इंसुलिन की प्रतिरोधी क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक हार्मोन को खोजने का दावा करते हुए जापानी वैज्ञानिकों ने कहा कि इससे टाइप-2 के डायबिटीज के उपचार के लिए नई श्रेणी की दवाएँ बनाई जा सकती हैं।
इसुंलिन प्रतिरोधी क्षमता एक शारीरिक लक्षण हैं जिसमें प्राकृतिक हार्मोन ‘इंसुलिन’ रक्त शर्करा को कम करने में कम असरदार रहता है जिसके कारण टाइप-2 का मधुमेह होने का खतरा होता है।
जापान में कानाजावा यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस के अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया कि यकृत में प्राकृतिक तौर पर मौजूद हार्मोन स्वस्थ लोगों की अपेक्षा टाइप-2 के मधुमेह से ग्रस्त लोगों में अधिक मात्रा में होता है।
प्रमुख अनुसंधानकर्ता हिरोफुमी मिसू ने कहा कि पत्रिका सेल मेटाबोलिज्म में प्रकाशित नए अध्ययन में यकृत के उस कार्य पर प्रकाश डाला गया है जो पहले सामने नहीं आया।
मिसू और उनके सहयोगियों को अपने परिणामों के आधार पर यह लगा कि वसा उतकों की तरह ही यकृत भी टाइप-2 के मधुमेह में वजह हो सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग भी किए। (भाषा)