सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. करियर
  4. »
  5. मनपसंद करियर
Written By WD

बनें डायटीशियन

जनसेवा का अनोखा माध्यम

बनें डायटीशियन -
- गरिमा माहेश्वरी

ND
डायटेटिक्स विज्ञान का ऐसा क्षेत्र है जहाँ आप लोगों को उनके खानपान संबंधी जानकारी देकर, उनकी सेहत का ख्याल रखने में मदद कर सकते हैं। तो हुई न यह जनसेवा। विज्ञान के इस क्षेत्र की ओर युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है। इसका एक कारण है कि हमारा समाज अब अपनी सेहत के प्रति पहले से अधिक जागरूक हो चुका है। आज अपनी सेहत के प्रति जागरूक हर व्यक्ति डायटीशियन की सलाह को अहम मानता है तथा उसी पर अमल करता है।

एक डायटीशियन बनने के लिए स्नातक और स्नाकोत्तर स्तर पर गृह विज्ञान, न्यूट्रिशन, खाद्य विज्ञान तकनीक आपके विषय होने चाहिए।

डायटीशियन एक ऐसे सलाहकार के रूप में कार्य करता है जहाँ उससे सलाह लेने आए व्यक्ति की सेहत का जिम्मा उसी का होता है। एक डायटीशियन लोगों के खानपान की आदतें और जीवन स्तर को सुधारने का कार्य करता है। कई लोग अपने मोटापे को कम करने के लिए व्यायाम से साथ-साथ डायटीशियन की सलाह को भी महत्वपूर्ण मानते हैं और उसके द्वारा बताए गए डायट चार्ट पर ही निर्भर रहते हैं।

अस्पतालों में भी मरीजों का खानपान डायटीशियन्स की देख-रेख में ही किया जाता है। बहुत से खाद्य पदार्थ उत्पादक कंपनियाँ भी अपने ब्रांड के अंतर्गत नए उत्पाद बनाने से पहले डायटीशियन की सलाह लेती हैं।

जो छात्र इस क्षेत्र में स्नातक डिग्री लेना चाहते हैं उनके 12वीं के विषय भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और गृह विज्ञान होना अनिवार्य हैं। इसमें स्नातक स्तर पर गृह विज्ञान में बीएससी की जा सकती है। इसके साथ ही न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स में बीएससी कोर्स भी उपलब्ध है।

स्नाकोत्तर स्तर पर 2 साल के डिग्री कोर्स के साथ 1 साल का डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध है। जिन छात्रों के पास गृह विज्ञान, होटल मैनेजमेन्ट एवं केटरिंग तकनीक, माइक्रोबायोलॉजी, बायकैमेस्ट्री में स्नातक डिग्री है, वे लोग इस डिग्री या डिप्लोमा के लिए योग्य हैं।

एक साल का डिप्लोमा करने के बाद अस्पताल में किसी डायटीशियन के अधीन 3 महीने की ट्रेनिंग करना अनिवार्य है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, हैदराबाद, भारत का एक अच्छा संस्थान है जो भारत सरकार के अधीन है। शुरुआत में डायटीशियन को ट्रेनिंग के दौरान मिलने वाली आय 2,500 रुपए हो सकती है लेकिन ज्यादा अनुभव के बाद यह आय बढ़कर 4,500 से लेकर 5000 भी हो सकती है। साथ ही आप अपनी खुद की प्रेक्टिस भी शुरू कर सकते हैं।