Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 19 जुलाई 2010 (13:40 IST)
एजेंटों का लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव
बीमा नियामक इरडा ने सुझाव दिया है कि लोगों को झाँसा दे कर बीमा पालिसी बेचने वाले एजेंट का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। अनेक बीमा कंपनियों की बहुत सी पलिसियों का नवीनीकरण न होने की बढ़ती समस्या के कारण इरडा ने यह प्रस्ताव किया है।
बीमा नियामक का प्रस्ताव है कि अगर किसी एजेंट द्वारा बेची गई 50 प्रतिशत पालिसी का सालाना नवीकरण नहीं होता है तो उस एजेंट का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) ने एक मसौदे में यह बात कही है। इसमें कहा गया है, सालाना सततता दर 50 प्रतिशत कम रहने पर सम्बद्ध एजेंसी के लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
यहाँ बीमा पालिसी की गलत ब्रिकी से आशयक निवेशक को समुचित जानकारी दिए बिना ही पालिसी बेचना है। ऐसे में निवेशक एक बार तो पालिसी खरीद लेता है, लेकिन वइ इसका ननीवकरण नहीं करवाता। इससे बीमा कंपनियों की ग्राहक संख्या हर साल बदलती रहती है। मसौदे में नियामक ने एजेंटों के लिए पहले साल की प्रीमियम आय तथा हर साल बेची जाने वाली पालिसी की संख्या तय करने का भी प्रस्ताव किया है। (भाषा)