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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 15 अप्रैल 2010 (23:47 IST)

बना रहेगा मुद्रास्फीति का दबाव-प्रणब

बना रहेगा मुद्रास्फीति का दबाव-प्रणब -
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में बेशक कुछ नरम दिखने लगी हो लेकिन कीमतों पर आगे और दो महीने दबाव बना रहने की आशंका है।

मुखर्जी ने कहा कि आशंका तो यही थी कि मुद्रास्फीति दहाई अंक पर पहुँच जाएगी, बहरहाल, कुछ हद तक इसमें नरमी देखी गई लेकिन आप देखोगे कि जून महीने तक यह दबाव बना रहेगा।

मार्च महीने के आज जारी आँकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मामूली 0.01 प्रतिशत अंक बढ़कर 9.9 प्रतिशत हो गई। मुखर्जी ने कहा रबी मौसम की फसल की कटाई पूरी हो जाने और आगामी मानसून की स्पष्ट बेहतर तस्वीर सामने आने के बाद मुद्रास्फीति शांत हो जाएगी।

गेहूँ, चना, आलू, गन्ना तथा कुछ अन्य दालों सहित रबी मौसम की फसलें मई मध्य तक पूरी तरह खेतों से निकल आएँगी। उसके बाद मानसून पर सबकी नजर होगी। मुद्रास्फीति की मजबूती विशेषकर चीनी और दालों के उँचे दाम की वजह से है।

बहरहाल, तीन अप्रैल को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति मामूली घटकर 17.22 प्रतिशत रह गई जबकि एक सप्ताह पहले यह 17.70 प्रतिशत पर थी।

मार्च महीने में मुद्रास्फीति का आँकड़ा हालाँकि दहाई अंक पर तो नहीं पहुँचा लेकिन 9.90 प्रतिशत पर यह रिजर्व बैंक के बीते वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 8.5 प्रतिशत के आँकड़े से काफी उपर रहा है।

हालाँकि वित्त मंत्री ने भी इससे पहले कहा था कि उन्हें इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि मार्च में मुद्रास्फीति द्विअंकीय स्तर पर पहुँच जाए। (भाषा)