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Written By भाषा

भविष्य निधि पर ब्याज का फैसला टला

भविष्य निधि पर ब्याज का फैसला टला -
कर्मचारी भविष्य निधि जमाओं पर 2010-11 के लिए दिए जाने वाले ब्याज पर फैसला आज नहीं हो सका और कमर्चारी यूनियनों के ब्याज दर बढ़ाने के दबाव के चलते इसे टाल दिया गया है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी मंडल ने हालाँकि उन संयुक्त उद्यम कंपनियों के बांडों में निवेश की अनुमति दे दी है जिनमें सरकार की कम से कम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हो।

श्रमिक यूनियनें ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.5-10.5 प्रतिशत करने की माँग कर रही हैं।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि न्यासी मंडल की बैठक श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के 4.7 करोड़ से अधिक अंशधारकों को 2010-11 के लिए कितना ब्याज दिया जाएगा इसका फैसला मंडल की अगली बैठक में होगा। इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है।

न्यासी मंडल ने इसके साथ ही कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना के तहत बीमा लाभ को 60,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

प्रवक्ता ने कहा कि न्यासी मंडल सदस्य वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलेंगे और अधिक ब्याज दर के कारण होने वाले घाटे की भरपाई के बारे में चर्चा करेंगे। सरकारी गणना के अनुसार ईपीएफओ के पास फिलहाल 2.5 लाख करोड़ रुपए का जमा कोष है।

पिछले पाँच साल से भविष्य निधि जमाओं पर 8.5 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। मौजूदा दर कायम रखने पर इस साल ईपीएफओ के पास 15.26 करोड़ रुपए का अधिशेष रहेगा।

अगर 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है तो ईपीएफओ को 426.23 करोड़ रुपये का घाटा होगा। कर्मचारी यूनियनों की 9.5-10.5 प्रतिशत ब्याज दर की माँग को माना जाता है तो ईपीएफओ पर भारी दबाव बनेगा। (भाषा)