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Written By भाषा

सहारनपुर में स्थिति नियंत्रण में, कर्फ्यू जारी

सहारनपुर में स्थिति नियंत्रण में, कर्फ्यू जारी -
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सहारनपुर। हिंसा प्रभावित सहारनपुर की स्थिति में थोड़ा सुधार होने पर सोमवार को जिला प्रशासन ने नया शहर इलाके में कुछ समय के लिए कर्फ्यू में ढील दे दी ताकि लोग अपनी दैनिक जरूरतों का सामान बाजारों से खरीद पाएं। बाजारों को खुला रखने के निर्देश दिए गए थे।

जिला मजिस्ट्रेट संध्या तिवारी ने कहा कि चूंकि स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला, इसलिए नया शहर में कर्फ्यू में सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक के लिए और पुराना शहर इलाकों में दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक के लिए छूट दी गई है।

उन्होंने बताया, ‘यह इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग अपनी दैनिक जरूरतों का सामान बाजारों से खरीद सकें।’ तिवारी ने कहा कि सुरक्षा बलों से कहा गया है कि कफ्र्यू में ढील के दौरान वे कड़ी निगरानी रखें और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले लोगों पर करीबी नजर बनाकर रखें।

उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने कल रात को अधिकारियों से संपर्क किया था क्योंकि कई अफवाहें फैलाई गई थीं। लेकिन ‘96 प्रतिशत से ज्यादा घटनाएं सच नहीं पाई गईं।’

कल सहारनपुर में एक सशंकित सी शांति पसरी रही। वहां पैदा हुए राजनैतिक आरोपों के दौर के बीच 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा समाजवादी पार्टी पर ‘वोट बैंक की राजनीति’ करने का आरोप लगा रही थी वहीं कांग्रेस (स्थिति की) ‘गिरावट’ के लिए उत्तरप्रदेश सरकार पर दोष मढ़ रही थी।

तिवारी ने कहा कि दो समुदायों के बीच जमीन से जुड़े विवाद में हुए संघर्ष और आगजनी को ध्यान में रखते हुए रविवार को भी कर्फ्यू और देखते ही गोली मारने के आदेश प्रभावी रखे गए। शनिवार को हुई हिंसा में तीन लोग मारे गए थे और 33 लोग घायल हो गए थे। 22 दुकानें या तो जला दी गई थीं या उनमें तोड़फोड़ की गई थी। इन घटनाओं में 15 वाहनों को आग लगा दी गई थी।

इसी बीच सहारनपुर के पुलिस निरीक्षक राजेश पांडे ने कहा कि हिंसा ‘भड़काने’ वाले एक व्यक्ति की पहचान हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘हमने अभी उसे गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन उम्मीद है कि हम उसे जल्दी ही गिरफ्तार कर लेंगे।’ उन्होंने यह भी बताया कि उसपर दंगा फैलाने, आगजनी और षड़यंत्र करने के आरोप हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम एक विस्तृत जांच करेंगे और केवल तभी हम कह सकते हैं कि क्या यही पूरी तस्वीर है या फिर इस पूरे दृश्य के पीछे कुछ और कहानी है?’

सहारनपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहानपुर के हालात की जानकारी दी है।

पांडे ने कहा, ‘हम स्थिति को वापस पूरी तरह सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा विवादित जमीन के कारण भड़की, जो कि ‘चिंता का विषय’ है। उत्तरप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) मुकुल गोयल ने कल लखनऊ में कहा था, ‘ऐसे निर्देश दिए गए हैं कि जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।’ लखनऊ में अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सहारनपुर की घटनाओं के संबंध में जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। सहारनपुर दिल्ली से 170 किलोमीटर और लखनउ से 560 किलोमीटर की दूरी पर है।

यादव ने हिंसा को ‘दुर्भाग्यशाली’ करार देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

कांग्रेस और भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी ने कहा कि ‘राज्य की शांति में व्यवधान’ पैदा करने का प्रयास किया गया है और ‘सांप्रदायिकता, असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह’ नहीं है।

तनाव तब शुरू हुआ था, जब एक समुदाय के लोगों ने कुतुबशहर इलाके में शनिवार तड़के निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। इस पर दूसरे समूह के लोगों ने आपत्ति जताई थी। पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच ईंटों से वार, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं।

भीड़ द्वारा उपद्रव मचाने और कई दुकानों में आग लगाने पर पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए रबड़ की गोलियां दागीं। विवादग्रस्त इलाकों में पीएसी, सीआरपीएफ, आरएएफ और आईटीबीपी के अतिरिक्त बल तैनात किए गए।

घायलों में पांच पुलिसकर्मी और शहर के एक मजिस्ट्रेट भी शामिल थे। गोली लगने से घायल हुए एक कांस्टेबल की हालत गंभीर बताई जाती है और उसका इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है। (भाषा)