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Written By भाषा

राजा भैया पर हत्या का मामला, होगी पूछताछ

राजा भैया पर हत्या का मामला, होगी पूछताछ -
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नई दिल्ली। सीबीआई ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जिया उल हक की हत्या के सिलसिले में उत्तरप्रदेश के विवादास्पद नेता राजा भैया के खिलाफ गुरुवार को हत्या के आरोप के तहत मामला दर्ज किया।

सीबीआई ने इस हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद यह कदम उठाया है। सीबीआई ने हक की पत्नी परवीन आजाद की शिकायत के आधार पर चार प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से एक में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को नामित किया गया है।

राजा भैया प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से पांच बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार विधायक चुने गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ सिर्फ आपराधिक साजिश रचने के तहत मामला दर्ज किया था। कुंडा में दो मार्च को हक की ड्यूटी के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

हक की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की। इनमें से एक प्राथमिकी थाना प्रभारी मनोज शुक्ला की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है, जिसमें 10 लोग संदिग्ध हैं जबकि दूसरी प्राथमिकी परवीन की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है और उसमें चार अन्य लोगों के साथ राजा भैया को नामित किया गया है।

राजा भैया से होगी पूछताछ : जांच के सिलसिले में राजा भैया से सीबीआई द्वारा पूछताछ किए जाने की संभावना है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एफआईआर में राजा भैया और चार अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश रचने, दंगा करने, लोगों के बीच हिंसा भड़काने के लिए इरादतन अपमान करने से संबद्ध आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने इन दोनों मामलों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है।

राजा भैया (44) ने आपराधिक साजिश रचने का मामला अपने खिलाफ दर्ज होने के बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी है और वह पहले भी जेल जा चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई गुरुवार रात फोरेंसिक विशेषज्ञों सहित विशेष अपराध जांच अधिकारियों की 10 सदस्यीय एक टीम कुंडा स्थित वारदात स्थल के लिए रवाना कर रही है।

हक की पत्नी ने कहा कि मैं सीबीआई जांच से न्याय मिलने की उम्मीद करती हूं। सीबीआई को अवश्य ही किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि दो अन्य मामले डीएसपी हत्याकांड से जुड हैं। इनमें बलीपुर के ग्राम प्रधान नन्हे यादव और उनके भाई सुरेश यादव की हत्या का मामला शामिल है।

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने इन दोनों मामलों की जांच का जिम्मा भी संभाल लिया है, जिससे सीबीआई की कुल प्राथमिकी की संख्या चार हो गई है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू करेगी। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि सभी आरोपियों को राज्य सरकार द्वारा नामजद किया गया है।

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लेगी। उनके नाम राजीवसिंह और संजय सिंह उर्फ गुड्‍डूसिंह है। ये राजा भैया के करीबी सहयोगी माने जा रहे हैं।

राजीवसिंह दो मार्च को शाम साढ़े सात बजे कुंडा के बलीपुर में हुई नन्हें यादव की हत्या का आरोपी है, जबकि गुड्डूसिंह को हक और सुरेश यादव की हत्या से जुड़ी एफआईआर में नामजद किया गया है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि नन्हे यादव की हत्या की सूचना मिलने पर हक मौके पर पहुंचे थे, जहां उन पर और सुरेश पर भीड़ ने कथित तौर पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी।

इसमें कहा गया है कि हक की रात नौ बजे हत्या हुई, जबकि सुरेश की 15 मिनट बाद मौत हुई। हक की पत्नी परवीन की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया है कि राजा भैया के निर्देश पर पहले मेरे पति को डंडों और सरिया से पीटा गया और बाद में गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई।

थाना प्रभारी की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में 10 आरोपियों को नामजद किया गया है, ये सभी बलीपुर के रहने वाले हैं लेकिन इसमें राजा भैया या उनके सहयोगी का नाम नहीं है। इस एफआईआर के तहत आरोपी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत डकैती के साथ हत्या, हत्या की साजिश रचने, सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी में बाधा डालने, हमला करने सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।

ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या के सिलसिले में अजय कुमार पाल, कमला कुमार पाल, अजीतसिंह और राजा भैया के कथित सहयोगी राजीव कुमार को नामजद किया गया है, जबकि उनके भाई सुरेश की हत्या के सिलसिले में विजय कुमार, संजय कुमार को नामजद किया गया है। (भाषा)