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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014 (00:20 IST)

सुब्रत रॉय की रिहाई का नया प्रस्ताव पेश

सुब्रत रॉय की रिहाई का नया प्रस्ताव पेश -
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नई दिल्ली। सहारा समूह ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह अपने प्रमुख सुब्रत रॉय और दो निदेशकों की रिहाई के लिए चार दिन के भीतर 2,500 करोड़ रुपए और 60 दिन के भीतर और 2,500 करोड़ रुपए का नकद भुगतान करने का इच्छुक है।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी व राजीव धवन ने कहा कि कंपनी चार कार्य दिवस के भीतर 2,500 करोड़ रुपए का एकमुश्त भुगतान करेगी और समूह के चेयरमैन व अन्य निदेशकों की रिहाई के 60 दिनों के भीतर और 2,500 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।

उन्होंने राय एवं दो निदेशकों रवि शंकर दुबे व अशोक राय चौधरी को जमानत दिलाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार 5,000 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देने या उसके बदले नकद भुगतान करने के लिए और 90 दिनों का समय मांगा है।

उच्चतम न्यायालय ने यह शर्त रखी थी कि राय को तभी रिहा किया जाएगा जब वे 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान करेंगे। इसमें 5,000 करोड़ रुपए बैंक गारंटी के रूप में और बाकी 5,000 करोड़ रुपए का नकद भुगतान होगा।

राय एवं समूह के अन्य दो निदेशक, निवेशकों का 20,000 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर 4 मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं।

इससे पहले 65 वर्षीय रॉय ने कहा था कि निवेशकों का 20,000 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा नहीं करने के लिए उन्हें हिरासत में रखने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए आदेश को रद्द करने की मांग की थी।

राम जेठमलानी की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के एक समूह ने पीठ से कहा था कि उसका दृष्टिकोण ‘पक्षपातपूर्ण’ है और उसे आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।

जेठमलानी ने कहा था कि धन का भुगतान नहीं करने के लिए एक व्यक्ति को जेल भेजना असंवैधानिक है। उन्होंने अंतरिम जमानत देने के लिए 10,000 करोड़ रुपए के भुगतान की शर्त पर भी सवाल खड़ा किया था। हालांकि सेबी ने राय के वकील द्वारा अपनाए गए रुख का विरोध किया था। (भाषा)