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Written By भाषा
Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 26 जुलाई 2014 (23:50 IST)

सुब्रत राय को नहीं मिली जमानत

सुब्रत राय को नहीं मिली जमानत -
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज सहारा प्रमुख सुब्रत राय को अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा करने से मना कर दिया लेकिन उन्हें न्यूयॉर्क और लंदन में अपने आलीशान होटलों को बेचने की अनुमति दे दी ताकि वह नियमित जमानत पाने के लिए दिए गए निर्देश के अनुसार सेबी को सौंपने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जुटा सकें। सुब्रत राय तकरीबन पांच महीने से सलाखों के पीछे हैं।

शीर्ष अदालत ने हालांकि 65 वर्षीय राय को आश्वासन दिया कि वह उन्हें दिन के समय पुलिस हिरासत में जेल से बाहर जाने की अनुमति देगी ताकि वह अपनी संपत्ति का निपटारा करने के लिए खरीदारों से बातचीत कर सकें।

न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति एके सीकरी की पीठ ने कहा, ‘हम आपको सुबह 10 बजे से लेकर अपराह्न चार बजे तक पुलिस हिरासत में जेल के बाहर बातचीत करने की अनुमति देंगे।’ पीठ ने साथ ही यह भी कहा कि इस तरह की व्यवस्था करना इस चरण में ‘जल्दबाजी’ होगी क्योंकि फिलहाल इस संबंध में कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है।

पीठ ने सहारा को न्यूयॉर्क में होटल ड्रीमटाउन और द प्लाजा तथा लंदन में ग्रॉसवेनर हाउस के साथ देश में नौ संपत्तियों को बेचने की भी अनुमति दे दी।

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े को मामले में न्यायालय की सहायता के लिए वकील भी नियुक्त किया। इस मामले में समूह को शीर्ष अदालत में कार्यवाही को समाप्त करने के लिए ऐसा समझा जाता है कि 37 हजार करोड़ रुपए का भुगतान करना है।

राय ने गुहार लगाई थी कि उन्हें जेल से पैरोल या अंतरिम जमानत पर कम से कम 40 दिन के लिए रिहा किया जाए ताकि वह जमानत के 10 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लिए अपनी संपत्तियां बेच सकें।

राय को निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि नहीं लौटाने के लिए इस साल 4 मार्च को जेल भेजा गया था। न्यायालय ने सहारा प्रमुख से कहा था कि वह जमानत पाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का भुगतान करें। इसमें से पांच हजार करोड़ रुपए नकद और शेष राशि बैंक गारंटी के रूप में दें।

सहारा ने अब तक महज 3117 करोड़ रुपए जुटाए हैं, जिसे बाजार नियामक को जमा किया गया है। समूह ने हालांकि दावा किया है कि उसने पहले ही 93 फीसदी निवेशकों को धन लौटा दिया है।

गत 4 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान राय ने अदालत से रहम दिखाने की गुहार लगाई थी और अपनी संपत्तियां बेचने के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति देने को कहा था।

राय की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा था, ‘इस मामले में अब रहम की जरूरत है। उन्होंने कई महीने सलाखों के पीछे बिता लिए हैं और उनकी रिहाई संपत्तियों की बिक्री के लिए बातचीत के अवसर बढ़ाएगी।’ (भाषा)