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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 17 अप्रैल 2014 (18:43 IST)

बेआसरा वरिष्ठ नागरिकों के बचाव में आई पुलिस

बेआसरा वरिष्ठ नागरिकों के बचाव में आई पुलिस -
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नई दिल्ली। अपने परिवारों द्वारा छोड़ दिए गए बेआसरा बुजुर्गों को राहत प्रदान करने वाले एक फैसले में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर कोई वरिष्ठ नागरिक सड़कों पर बेसहारा स्थिति में मिलता है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

इस संबंध में हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में सभी थाना प्रभारियों (एसएचओ) को एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में उनसे कहा गया है कि ऐसे मामले सामने आने पर प्राथमिकी सुनिश्चित की जाए और मामले की पूरी जांच की जाए।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर बेसहारा हालत में मिला कोई व्यक्ति अपना पता बताने की हालत में नहीं हो तो पुलिस इस मामले को गुमशुदा बच्चों के मामले की तरह मानकर आचरण करेगी। ये मामले वरिष्ठ नागरिक और अभिभावक कल्याण एवं रखरखाव कानून की धारा 24 के तहत दर्ज किए जाएंगे।

इस कानून के तहत वरिष्ठ नागरिकों को छोड़ देने की स्थिति में 3 महीने तक की सजा या 5 हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। जांच अधिकारी को रखरखाव न्यायाधिकरण और कानून के तहत गठित अन्य प्राधिकारों को सूचित करना होगा।

पुलिस मुख्यालय में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस संबंध में एक आदेश हाल ही में सभी जिला डीसीपी और अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों को जारी किया गया है और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि आदेश का पालन हो।

कानून के अनुसार अगर बच्चे या संबंधी ऐसे वरिष्ठ नागरिक की देखभाल करने से इंकार करते हैं, जो अपनी देखभाल नहीं कर सकते तो न्यायाधिकरण उनके बच्चों या संबंधियों को गुजारे के लिए मासिक भत्ते के संबंध में आदेश दे सकता है। हालांकि अधिकतम गुजारा भत्ता प्रति महीने 10 हजार रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता। (भाषा)