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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 अगस्त 2014 (20:55 IST)

जापान यात्रा से पहले क्या बोले मोदी...

जापान यात्रा से पहले क्या बोले मोदी... -
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष जो बुरा दौर था वह बीत चुका है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम जल्द ही फिर से नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने जापान की पांच दिन की यात्रा पर जाने से पूर्व शुक्रवार को यहां जापानी पत्रकारों से बातचीत में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। अर्थव्यवस्था के बारे में पूछे गए सवाल पर मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितताओं का दौर रहा। मेरा विश्वास है कि भारत के लोगों ने विकास के लिए स्पष्ट जनादेश दिया है। मुझे विश्वास है कि भारत फिर से नई ऊंचाइयों को छुएगा।

मोदी ने कहा कि सरकार ने बजट में कई नई पहल की है। सरकार को अभी सौ दिन भी पूरे नहीं हुए हैं। हमने श्रम सुधार भारत में कारोबार करने को सरल बनाना और वित्तीय समावेशन अथवा रक्षा और बीमा जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की दिशा में अहम कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं देश के सामने जो कठिन दौर था वह गुजर चुका है। हमने स्थिरता हासिल की है और जो लगातार विपरीत दौर बना हुआ था वह रूक गया है। हम अब रनवे पर हैं और मेरा विश्वास है कि बहुत जल्दी देश फिर से नई ऊंचाइयों की तरफ चल पड़ेगा।

जापान से क्या है मोदी को उम्मीद...


जापान के साथ आर्थिक क्षेत्र में रिश्तों के संबंध में पूछे गए सवाल पर मोदी ने कहा कि भारत के लिए मेरा जो सपना है उसमें मैं जापान से बहुत उम्मीद रखता हूं। जापान हमेशा से हमारा प्राथमिकता वाला आर्थिक साझीदार रहा है। जापान ने भारत में पिछले कई वर्षों में बुनियादी सुविधा विकास के लिए उदार शर्तों पर बड़ी राशि ऋण में दी है।

मोदी ने कहा कि भारत में अब एफडीआई बहुत न्यूनतम शर्तों के साथ मान्य है। उन्होंने कहा कि सरकार की स्थिर नीतियों और उसकी सही सोच से सकारात्मक संकेत गये हैं। भारत निवेश के लिहाज से एक बेजोड़ देश है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं और एफडीआई के रास्ते में जो भी बाधायें होगी उन्हें दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

एफडीआई नीति की समीक्षा लगातार प्रक्रिया है। सरकार ने हाल ही में रेलवे क्षेत्र को शत प्रतिशत एफडीआई के लिए खोला है। रक्षा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई कों मंजूरी दी गयी है। रक्षा क्षेत्र में अब कई ऐसे समान है जिनके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।

वस्तु एवं सेवा कर के संबंध में मोदी ने कहा कि इसके अमल में आने से उद्योग व्यापार और उपभोक्ता की लागत कम होगी। इससे कर का दायरा बढ़ेगा और कर अनुपालना में व्यापक सुधार होगा। सरकार इसे लागू करने के लिए राज्यों से बातचीत कर उनकी राजस्व नुकसान को लेकर उठाई जाने वाली आशंकाओं को दूर करने में जुटी हुई है। मेरा विश्वास है कि देर सबेर राज्य सरकारो के साथ जीएसटी पर बात बन जाएगी। (वार्ता)