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Written By WD
Last Modified: गाजा-यरूशलम , गुरुवार, 24 जुलाई 2014 (15:49 IST)

भारत ने दिया इसराइल के खिलाफ वोट

फिलिस्तीन पर यूएन प्रस्ताव का किया समर्थन

भारत ने दिया इसराइल के खिलाफ वोट -
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गाजा-यरूशलम। भारत ने गाज़ा पट्‍टी में हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में और इसराइल के विरोध में वोट दिया। भारत और पाकिस्तान समेत 29 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। सिर्फ अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में वोट देकर इसराइल का बचाव किया। प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विरोध में मात्र एक वोट पड़ा, जबकि 17 देशों ने मतदान में भाग ही नहीं लिया।

उल्लेखनीय है कि भारत की संसद में फिलिस्तीन मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की काफी खिंचाई की थी, तब जवाब में सरकार ने कहा था कि फिलिस्तीन पर भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन इसराइल संबंध बनाए रखना भी जरूरी है। ऐसे में इसराइल के खिलाफ वोटिंग का फैसला काफी अहम माना जा रहा है।

ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के इस प्रस्ताव को पाकिस्तान ने पेश किया था। इस प्रस्ताव पर बोलते हुए भारत के प्रतिनिधि ने गाजा में हिंसा में बढ़ोतरी को चिंताजनक करार दिया और तुरंत संघर्ष विराम की कोशिशों को अपना समर्थन दिया। लेकिन भारत ने इस इलाके के नॉन स्टेट एक्टर्स के द्वारा हिंसा पर भी चिंता जताई और कहा कि वे शांति प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की आपात बैठक को संबोधित करते हुए संरा मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लै ने कहा कि इस बात की संभावना अधिक है कि इसराइल ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनदेखी करते हुए नियमों का उल्लंघन किया हो जो कि युद्ध अपराधों के समान है। परिषद की ओर से कहा गया कि वह गाजा पट्‍टी में इसराइली हमले के दौरान संभावित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जांच के लिए 'स्वतंत्र, अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग' का गठन करेगी।

पिल्लै ने एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि एक 'भयानक' घटना में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन करते हुए इसराइल ने गाजा में समुद्र तट पर खेलते हुए सात बच्चों को भी निशाना बनाया। जबकि इसराइल ने 15 दिन पहले रॉकेट हमलों को रोकने की बात कही थी, लेकिन इसने बुधवार को भी गाजा पट्टी पर हवाई हमला जारी रखा और उसके हमलों का निशाना गाजा का एक मात्र विद्युत संयंत्र भी बन गया। हालांकि उसे हमास के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।

इसराइल ने हमास के राकेट हमलों को रोकने के लिए 8 जुलाई को अपना हवाई हमला शुरू किया था और बाद में उसने अपनी जमीनी सैनिक कार्रवाई भी शुरू कर दी। उसने अपनी तोप नौकाओं से गाजा पट्टी पर गोलाबारी भी की। इसराइली सेना ने हमास के मिसाइल भंडारों और सुरंगों को अपना लक्ष्य बनाया और काफी हद तक उन्हें नष्ट कर दिया है। इस लड़ाई में अब तक 680 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर नागरिक और बच्चे शामिल हैं। इस लड़ाई में इसराइल के 29 सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए हैं।

उधर हमास के राकेट हमलों में दो इसराइली नागरिक भी मारे गए हैं। इसराइली सेना का कहना है कि उसे सबसे अधिक प्रतिरोध का सामना गाजा पट्टी की सुरंगों में करना पड़ रहा है। पश्चिमी तट से भी हिंसा की खबरें हैं। इसराइली सेना बेतलहम के पास है। इस बीच अमेरिका और यूरोपीय देशों ने तेल अवीव के लिए अपने विमानों की उड़ानें रद्द कर दी हैं जिससे इसराइल की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

कई इंटरनेशनल एविएशन कंपनियों ने बुधवार को इसराइल के लिए अपनी उड़ानों पर बेमियादी रोक लगा दी। इसराइली सैनिकों और फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के बीच जारी संघर्ष पर 16वें दिन भी विराम न लगने के कारण अमेरिकी विमानन कंपनियों ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं जाहिर करते हुए अपनी उड़ानें रोकी हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि युद्धविराम के लिए इसराइल पर दबाव डालने के उद्देश्य से ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। इनको लेकर इसराइल ने अपनी नाराजगी जताई है तो अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को समझाया है कि अमेरिकियों की सुरक्षा तय करने के मकसद से अमेरिकी उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

गाजापट्टी पर जारी इस संघर्ष से इसराइली पर्यटन उद्योग को भी झटका लगा है। अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए), एयर फ्रांस और डच एविएशन कंपनी केएलएम ने भी अपनी उड़ानें रोक दीं हैं। इसराइली हमले में बड़े पैमाने पर नागरिक मारे जा रहे हैं। हर घंटे एक फिलिस्तीनी बच्चे की मौत हो रही है। यूएन ने हमास के राकेट हमलों की भी आलोचना की।

इसराइल ने हमास शासित गाजा में गुरुवार को भी कई मस्जिदों, एक अस्पताल और एक स्टेडियम पर बमबारी की जबकि 15 दिन से चल रहे संघर्ष को खत्म कराने के लिए संघर्षविराम को लेकर अंतरराष्ट्रीय कोशिशें तेज हो गई हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून संघर्ष विराम कराने के प्रयासों के तहत मिस्र में हैं।

इसराइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी में करीब 190 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके साथ ही, इसराइली न्याय मंत्री त्जीपी लिवनी ने आईडीएफ का अभियान खत्म करने तक किसी संघर्ष विराम की संभावना से इनकार किया है। इस अभियान का लक्ष्य सीमा पार हमलों के लिए चरमपंथियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुरंगों को नष्ट करना है। इसका यह भी अर्थ है कि संघर्ष विराम की कोशिशों के बावजूद यह संघर्ष कुछ और दिन चल सकता है क्योंकि हमले को रोकने को लेकर इसराइल पर अमेरिकी प्रभाव भी पर्याप्त असर नहीं दिखा रहा है।