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Written By भाषा

नवाज शरीफ के निवास को सेना ने घेरा

नवाज शरीफ के निवास को सेना ने घेरा -
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विपक्षी नेता इमरान खान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाने के लिए अपने समर्थकों के साथ सख्त सुरक्षा वाले ‘रेड जोन’ में घुस गए हैं। देर रात यहां काफी तनावपूर्ण स्थिति बन गई है और प्रधानमंत्री शरीफ का निवास सेना के हवाले कर‍ दिया गया।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का निवास स्थान भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है। पाकिस्तान की सेना ने शरीफ के निवास को चारों तरफ से घेर लिया है। पाकिस्तान ने प्रदर्शनकारियों के तेवरों को देखते हुए सभी दूतावासों को अलर्ट जारी कर दिया है।

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए 40 हजार सुरक्षाकर्मी जद्दोजहद कर रहे हैं। उधर नवाज शरीफ ने साफ कहा है कि वे प्रधानमंत्री पद से किसी भी सूरत में इस्तीफा नहीं देंगे। इसी बीच खबर यह भी है कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज रशीद ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग न करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले इमरान खान ने ‘रेड जोन’ की तरफ मार्च शुरू करने से पहले अपने समर्थकांे को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझसे वादा कीजिए, अगर मेरे साथ कुछ गलत होता है तो आप नवाज शरीफ से बदला लेंगे।’ इस्लामाबाद स्थित ‘रेड जोन’ में संसद भवन, प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के आवास, सुप्रीम कोर्ट तथा विभिन्न देशों के दूतावास हैं।

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इमरान खान और कनाडा आधारित धर्मगुरु ताहिर उल कादरी 2013 के चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ पिछले छह दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे पीएमएल-एन नीत सरकार बैकफुट पर आ गई है।

प्रदर्शनकारियों के ‘रेड जोन’ में घुसने के पहले कुछ घंटे पूर्व इमरान खान ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया था। इस ट्‍वीट में उन्होंने कहा था, आज इंशाअल्ला हमारा शांतिपूर्ण आजादी मार्च कांस्टीट्यूशन एवेन्यू का रुख करेगा। मैं खुद मार्च का नेतृत्व करूंगा। यह पाकिस्तान के लिए निर्णायक क्षण है।

क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने कहा, हमारा आजादी मार्च संवैधानिक और लोकतांत्रिक है। उन्होंने धरना स्थल में जहाज के एक कंटेनर में रात गुजारी। हालांकि, सरकार ने प्रदर्शनकारियों को ‘रेड जोन’ में घुसने से काफी देर तक रोक रखा था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने वह घेरा तोड़ दिया, जहां संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास तथा विभिन्न देशों के दूतावास सहित अन्य महत्वपूर्ण इमारतें हैं।

उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन पर 2013 के आम चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया है और उनसे इस्तीफा देने की मांग की है। शरीफ की पार्टी को इस चुनाव में शानदार जीत मिली थी। यह चुनाव दो लोकतांत्रिक सरकारों के बीच सत्ता का प्रथम हस्तांतरण था।

वर्ष 2013 के चुनाव में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को 190 सीटें मिली थीं। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 34 सीटें मिली थीं। खान के मार्च करने के आह्वान के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी लेकिन देखते ही देखते वह चरमरा गई।

संवेदनशील इलाके में प्रदर्शन करने के लिए 40,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। खान की पार्टी ने नेशनल असेंबली से अपने सांसदों को और प्रांतीय विधानसभाओं से अपने विधायकों को कल वापस बुलाने का फैसला किया था।

इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि ‘रेड जोन’ में घुसने की प्रदर्शनकारियों की किसी भी कोशिश से संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाएगी और हुआ भी यही। पाकिस्तान के गृहमंत्री निसार अली खान ने कहा है कि सरकार ने ‘रेड जोन’ की सुरक्षा सेना के हाथ में सौंपने का फैसला किया है ताकि इसमें प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका जा सके।

उन्होंने कहा, हमने इस्लामाबाद के रेड जोन की सुरक्षा सेना को सौंपने का फैसला किया है। निसार ने बताया कि त्रिस्तरीय सुरक्षा में पुलिस, पैरामिलेट्री रेंजर्स और सेना का सुरक्षा घेरा है।

गौरतलब है कि सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने राजधानी के संवेदनशील इलाके की सुरक्षा पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। वे रेड जोन में शांति के लिए सेना तैनात करने पर सहमत हुए।

कुछ दूतावासों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आशंका जताई, जिस पर विदेश कार्यालय ने विदेशी राजनयिकों को भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करेगी। खान की पार्टी ने नेशनल असेंबली और खबर पख्तूनख्वा को छोड़कर सभी प्रांतीय विधानसभाओं से अपने सदस्यों को बुलाने का कल फैसला किया।

मुस्लिम धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने कहा है कि वे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इस्तीफा देने के लिए और चुनाव कराने के लिए बाध्य करने के मकसद से एक वैकल्पिक संसद का गठन करेंगे। उन्होंने बातचीत के लिए पीएमएल-एन नीत सांसदों की समिति से मिलने से इनकार कर दिया।

कादरी ने कहा कि ‘अवामी संसद’ भविष्य की रणनीति पर फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि देश की तकदीर बदलने जा रही है। अन्य विपक्षी दलों ने प्रदर्शन और सरकार के विरोध में कर अदायगी रोकने के आह्वान की आलोचना की है। गौरतलब है कि खान ने लोगों से कर अदा नहीं करने का आह्वान किया है।

सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर शुक्रवार से ही खान अपने हजारों समर्थकों के साथ राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस्लामाबाद के दो राजमार्गों पर सरकार विरोधी हजारों प्रदर्शनकारी हैं। वेबदुनिया/भाषा)