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Written By भाषा

नवाज शरीफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर अड़े इमरान

नवाज शरीफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज -
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीतिक संकट वाली स्थिति में गुरुवार को नया मोड़ आ गया जब प्रधानमंत्री नवाज शरीफ धर्मगुरु ताहिर उल कादरी के 14 अनुयायियों की हत्या से संबंधित मामले का आरोपी के तौर पर सामना करने के लिए सहमत हो गए। उधर, इमरान खान ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर अड़े रहकर दबाव बढ़ाया।

तीन दिन में दूसरी बार, पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के प्रमुख राहिल शरीफ ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात करके दो हफ्ते से जारी राजनीतिक संकट पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने देश में जारी प्रदर्शनों से पैदा अनिश्चितता और सुरक्षा मामलों पर विचार-विमर्श किया।

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख कादरी ने कल रात वार्ता का पांचवां दौर बेनतीजा रहने के बाद आधिकारिक वार्ताकारों से संवाद बंद कर दिया।

इस बीच, सरकार ने दबाव में अपने रुख में नरमी लाते हुए आज कादरी की प्रमुख मांग स्वीकार कर ली और धर्मगुरु के 14 समर्थकों की हत्या वाली झड़पों में कथित भूमिका के लिए प्रधानमंत्री शरीफ सहित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने पर सहमति जताई।

सरकार की मंजूरी के बाद, पुलिस ने अदालती आदेश पर कदम उठाते हुए आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके भाई शाहबाज शरीफ, प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।


तीन दिन में दूसरी बार पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के प्रमुख राहिल शरीफ ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात करके दो हफ्ते से जारी राजनीतिक संकट पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने देश में जारी प्रदर्शनों से पैदा अनिश्चितता और सुरक्षा मामलों पर विचार-विमर्श किया।

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख कादरी ने कल रात वार्ता का पांचवां दौर बेनतीजा रहने के बाद आधिकारिक वार्ताकारों से संवाद बंद कर दिया। कादरी ने इमरान की पार्टी को अपना भाई बताया। उन्होंने कहा कि वह और खान भाई भाई हैं।

कादरी ने कहा, ‘आज आर्थिक एवं सामाजिक शोषण से आजादी का दिन है। इस देश के 10 करोड़ गरीब इस भ्रष्ट एवं अनुचित व्यवस्था के गुलाम हैं।’ खान ने शरीफ के इस्तीफे की मांग जारी रखते हुए कहा, ‘मैं यहां से छोड़कर नहीं जाउंगा। मैं इस राजशाही को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं असली लोकतंत्र चाहता हूं।’

खान ने कहा, ‘यह फैसला किया गया है कि शाहबाज शरीफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।’ मीडिया की खबरों में कहा गया कि प्रदर्शनों का दबाव बढ़ने के बीच, शरीफ ने वर्तमान राजनीतिक संकट पर चर्चा के लिए राजधानी में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

‘डान न्यूज’ ने खबर दी कि बैठक में फैसला किया गया कि न तो प्रधानमंत्री और न ही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज इस्तीफा देंगे और संघीय तथा प्रांतीय विधानसभाएं भी भंग नहीं होंगी। बैठक की अध्यक्षता के दौरान आज, शरीफ ने यह भी कहा कि वह माडल टाउन क्षेत्र मामले में जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर के माडल टाउन इलाके में 17 जून की झड़पों से प्रभावित परिजनों की मांग के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज की गई।

लाहौर सत्र अदालत ने इसी माह पुलिस को कादरी नीत पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) की शिकायत में नामित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।

पाकिस्तान पुलिस ने हालांकि शरीफ और उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और कुछ शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था। सत्र अदालत ने शरीफ, उनके भाई शाहबाज, उनके भतीजे हम्जा शाहबाज, गृहमंत्री चौधरी निसार, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलमंत्री रफीक, सूचना मंत्री परवेज राशिद, राज्यमंत्री आबिद शेर अली (यह भी शरीफ के रिश्तेदार हैं), पंजाब के पूर्व कानून मंत्री राना सनाउल्ला और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था जिन्होंने ‘बैरिकेड हटाने के अभियान’ में हिस्सा लिया था।

कादरी ने यह भी मांग की थी कि मामला दर्ज होने के बाद दोनों शरीफ भाई (नवाज और शाहबाज) इस्तीफा दें। बीते दो हफ्तों से राजनीतिक गतिरोध जारी है और खान नीत पीटीआई और कादरी नीत पीएटी पिछले साल आम चुनावों में कथित धांधली और लाहौर में 14 पीएटी समर्थकों की हत्या के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग से पीछे हटने को राजी नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर 19 अगस्त से संसद भवन और उच्चतम न्यायालय भवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं।

इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने आज कांस्टीट्यूशन एवेन्यू पर प्रदर्शनों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए धरने की राजनीति से दूरी बनाई। सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने कहा कि यह कांस्टीट्यूशन एवेन्यू के बारे में नहीं बल्कि संविधान के ही बारे में है।

जब प्रदर्शनकारियों के असंवैधानिक क्रियाकलापों का मुद्दा उठा तो अदालत ने धरने की राजनीति से खुद को अलग किया और टिप्पणी की कि अदालत की जिम्मेदारी संविधान का संरक्षण सुनिश्चित करना है। शरीफ ने आज तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले तैयब इरडोगन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए वहां जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। अब राष्ट्रपति ममनून वहां पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। (भाषा)