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Last Modified: मंगलवार, 2 सितम्बर 2014 (09:45 IST)

अहिंसा का डीएनए हमारे समाज में रचा बसा है-मोदी

अहिंसा का डीएनए हमारे समाज में रचा बसा है-मोदी - अहिंसा का डीएनए हमारे समाज में रचा बसा है-मोदी
टोक्यो। परमाणु अप्रसार संधि पर भारत के हस्ताक्षर न करने की वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्याप्त चिंता को दूर करने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शांति और अहिंसा के लिए देश की प्रतिबद्धता भारतीय समाज के डीएनए में रची बसी है जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि या प्रक्रियाओं से बहुत उपर है।
 
मोदी ने यहां सैक्रेड हार्ट यूनिवर्सिटी में एक छात्र के प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत भगवान बुद्ध की धरती है। बुद्ध शांति के लिए जिए और हमेशा शांति का पैगाम दिया तथा यह संदेश भारत में गहराई तक व्याप्त है।
 
संवाद के दौरान उनसे पूछा गया था कि परमाणु अप्रसार संधि पर अपना रूख बदले बिना भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास कैसे हासिल करेगा। परमाणु हथियार रखने के बावजूद भारत इस संधि पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर चुका है।
 
जापान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां परमाणु बम गिराया गया था। फिलहाल जापान की यात्रा पर यहां आए मोदी ने इस अवसर का उपयोग करते हुए तोक्यो के साथ असैन्य परमाणु करार करने के प्रयासों के बीच इस मुद्दे पर अपना यह संदेश दिया।
 
भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है क्योंकि वह इसे खामीयुक्त मानता है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि अहिंसा के लिए भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता है और यह भारतीय समाज के डीएनए में रची बसी है तथा यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि से बहुत उपर है। उनका संदर्भ भारत के, परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से इनकार की ओर था। -भाषा