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Written By WD
Last Modified: बुधवार, 23 अप्रैल 2014 (14:43 IST)

आप चाहो मुझे नोच लो, नहीं कर पाओगे...

आप चाहो मुझे नोच लो, नहीं कर पाओगे... -
जब-जब नरेन्द्र मोदी से कोई बात होती है या फिर उनका साक्षात्कार होता है तो 2002 के गुजरात दंगों का जिक्र जरूरत आता है। वे इसका सैकड़ों बार जवाब दे चुके हैं, लेकिन यह सवाल है कि उनका पीछा ही नहीं छोड़ता। ...और इस बात को लेकर कभी-कभी उनके तेवर तल्ख भी हो जाते हैं।
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हाल में नरेन्द्र मोदी ने एबीपी न्यूज के 'घोषणापत्र' कार्यक्रम में कई सवालों के जवाब दिए। जब गुजरात दंगों की बात आई तो मोदी ने कहा कि मैंने 2007 तक हर व्यक्ति को हर सवाल का हर समय जवाब दिया है। वह सब कुछ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मौजूद है। आप इस पर रिसर्च कीजिए। आपको बुरा-भला लगे, लेकिन आप चाहो कि मैं आपसे दब जाऊं, तो ऐसा होने वाला नहीं है।

इसी मसले पर मोदी आगे कहते हैं कि आप चाहो मुझे नोच लो, नहीं कर पाओगे, नहीं कर पाओगे। हां, 2009 में जब दोबारा यूपीए सरकार बनी और उन्होंने षड्यंत्र करके कोर्ट, कचहरियों में सुप्रीम कोर्ट तक मुझे घसीटा। फिर मुझे लगा कि अब मुझे कुछ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को इनफ्लुएंस नहीं होना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट को स्वतंत्र करना चाहिए। आज तक हिंदुस्तान के किसी मुख्यमंत्री को नौ घंटे किसी पुलिस वाले ने ग्रिल किया है? यह सब सुप्रीमकोर्ट के कहने पर किया था और कोर्ट ने उस उसको वीडियो रिकॉर्डिंग करके देखा था...ये सब कसौटियों से निकला हूं और आगे भी हर कसौटी के लिए तैयार हूं।

महंगाई कैसे नियंत्रित करेंगे नरेन्द्र मोदी... पढ़ें अगले पेज पर....


यदि आपकी सरकार आती है तो आप महंगाई कैसे कम करेंगे? मोदी कहते हैं कि छोटी-छोटी बातें हैं। हमारे देश में एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट रियल टाइम डाटा ही नहीं है। मुश्किल यह होती है कि हम पहले कम दाम से दालें एक्सपोर्ट करते हैं फिर बाद में ध्यान में आता है कि देश के पास तो दालें हैं ही नहीं तो चार गुना दाम से मंगवा लेते हैं। यही हाल चीनी का होता है। आठ रुपए में भेजते हैं और अस्सी रुपए में लाते हैं। अगर रियल टाइम डाटा हो तो आप तय कर सकते हैं कि गेहूं इतना है और इतनी रिक्वायरमेंट है। इससे काफी हद तक परेशानियां कम हो सकती हैं।

खुद पर लगने वाले आरोपों (विवाह संबंध भी) के संबंध में नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि मुझे किसी चीज का आश्चर्य नहीं होता है। मेरी जिंदगी में कुछ नहीं है ऐसी भी बातें चलती हैं। अब उनके पास कोई है नहीं तो क्या करें, करते रहेंगे। वे कहते हैं कि मैं जब तक हारूंगा नहीं, मैं जब तक पराजित नहीं होता हूं तब तक आरोप चलते रहने वाले हैं। जिंदगी के हर प्रकार से मैं एक असफल व्यक्ति बन जाऊंगा तभी आरोप बंद होने वाले हैं। क्योंकि आरोप लगाने वालों की मन की स्थिति ये है कि हम 12 साल से एक आदमी के पीछे इतनी मेहनत कर रहे हैं और उसको खरोंच भी नहीं आती है ये क्या है?

प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के संदर्भ में मोदी कहते हैं कि नम्बर 1... मोदी ने जिंदगी में कभी किसी चीज की दावेदारी की नहीं है और न ही मैं किसी पद को पाने के लिए पैदा हुआ हूं। मेरी जिंदगी के निर्णय भाजपा करती है। मैं भाजपा का एक समर्थक सिपाही हूं और आज तक जहां भी पहुंचा हूं वो मांग करके नहीं पहुंचा हूं, छीन करके नहीं पहुंचा हूं, योजना से नहीं पहुंचा हूं। जब जो काम मिलता है कठोर परिश्रम करता हूं, त्याग, तपस्या से परिपूर्ण प्रयास रहता है मेरा और मैं कल के विषय में ज्यादा नहीं सोचता हूं। वो मेरी प्रकृति में नहीं है।

आरएसएस द्वारा चुनाव लड़वाए जाने की बात पर मोदी कहते हैं कि मैं मानता हूं कि ये चुनाव ऐसा है देश में जो कोई राजनीतिक दल नहीं लड़ रहा है, कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा है। असल में देशवासी चुनाव लड़ रहे हैं। पूरा देश चुनाव लड़ रहा है।

मुस्लिम समुदाय के बारे में क्या बोले नरेन्द्र मोदी... पढ़ें अगले पेज पर....


जब नरेन्द्र मोदी से पूछा गया कि क्या मुसलमान आप से डरते हैं? वे इसके सीधे जवाब से बचते हैं, लेकिन अपने पिछले भाषणों का हवाला देते हुए कहते हैं कि 2002 में चुनाव जीतने के बाद मैंने कहा था कि ये सरकार उनकी है जिन्होंने वोट दिया है और ये सरकार उनकी भी है जिन्होंने मेरे विरोध में वोट दिया है। उन्होंने गिरिराज सिंह के उस बयान से भी असहमति जताई, जिसमें सिंह ने कहा था कि मोदी विरोधी पाकिस्तान चले जाएं।

'पिंक रिवोल्यूशन' संबंधी बयान को सांप्रदायिकता से जोड़ने पर वे कहते हैं कि कोई मुझे समझाए कि पिंक रिवोल्यूशन शब्द में सांप्रदायिकता कहां आई? गांव के किसान की अगर जमीन जाए और वो बर्बाद होता है वैसे ही पशु जाना (कत्लखानों में) उसकी पूरी को अर्थव्यवस्था को खत्म कर रहा है। ये मुद्दा पूरी तरह आर्थिक विषय है। जमीन के साथ पशु भी किसान की बड़ी संपत्ति है। इसको अगर कोई सांप्रदायिक के रंग से रंग देगा तो यह देश का दुर्भाग्य है। भगवान ऐसे न्यूज ट्रेडर्स से बचाए।

कत्लखानों से एक समुदाय विशेष की रोजी-रोटी जुड़े होने के मुद्दे पर मोदी कहते हैं कि ये आपकी जानकारी सही नहीं है कि कोई एक कम्युनिटी इस बिजनेस में है। ऐसा नहीं है, मेरे कई जैन मित्र हैं जो इस व्यापार में हैं। इसको किसी कम्युनिटी से मत जोड़िए। वे इस बात से भी इनकार करते हैं कि 'शहजादा' बोलकर वे एक समुदाय विशेष को टारगेट करते हैं।

जब उनसे पूछा जाता है कि दंगों के समय किसी भी नागरिक की जान जाती है तो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है, आप जिम्मेदारी लेते हैं? मोदी कहते हैं कि मैंने इस संबंध में पहले दिन से ही जिम्मेदारी ली है। विधानसभा के मेरे भाषणों में इस बात का उल्लेख है। मुस्लिम समुदाय से संपर्क बढ़ाने की बात पर मोदी कहते हैं कि गुजरात का मुख्‍यमंत्री होने के नाते मैं राज्य के छह करोड़ लोगों से जितना जुड़ सकूं, जुड़ना चाहिए और इन दिनों पूरे देश के 125 करोड़ लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहा हूं। मेरे लिए सब भारतवासी हैं।

पार्टी मेनिफेस्टो पर क्या बोले नरेन्द्र मोदी... पढ़ें अगले पेज पर...


जब उनसे पार्टी मेनिफेस्टो के बारे में बात की जाती है, उसके दावे और वादों के बारे में बात की जाती है तो वे कहते हैं कि हर जगह पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है क्या? पांच साल के लिए मेनिफेस्टो होता है, पांच साल के लिए सरकार बनती हैं, पांच साल के अंदर उसको काम करना होता है। कुछ काम होते हैं आरंभ कर देने होते हैं, कुछ काम होते हैं पांच साल में पूरे भी कर देने होते हैं, बड़ा साफ होता है मेनिफेस्टो 21वीं सदी की पूर्णाहूति के लिए नहीं होता है, एक सरकार के कार्यकाल के लिए होता है।

विस्तृत साक्षात्कार के लिए देखें वीडियो...

कालेधन पर नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि एक बात की तो सारे देश में चर्चा है कि विदेशी बैंकों में हिंदुस्तान का काफी पैसा है। अब ये जानकारियां सरकार के पास हैं, हम सरकार में नहीं है, जो सरकार में हैं वो इसका जवाब देते नहीं हैं। इस पर हमारा हमारा स्टैंड ये है कि जब हम सरकार में आएंगे तो हमारी ये प्राथमिकता रहेगी कि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। यदि मान लें कि कालाधन विदेशों में नहीं है तो भी ये हवाबाजी बंद हो जाएगी और अगर है तो हम लाएंगे।