शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. लोकसभा चुनाव 2014
  3. समाचार
Written By अरविन्द शुक्ला

सभी नेता गए पर सुनीता का दर्द ज्यों का त्यों...

सभी नेता गए पर सुनीता का दर्द ज्यों का त्यों... -
अमेठी। अमेठी जनपद के संग्रामपुर स्थित पूरे जवाहर सिंह का पुरवा मे कांग्रेसीं सांसद राहुल गांधी ने एक स्वयं सहायता समूह की दलित सदस्या के घर जाकर खाना खाकर और उसकी टूटी चारपाई पर सोकर रात क्या बिताई, गांव के दबंगों को दलित के घर में कांग्रेस के शहजादे की मौजूदगी रास नहीं आई। कुछ समय बाद दबंगों ने दलित के घर के छप्पर में आग लगा दी और उसे बेघर कर दिया। तब से आज तक दलित सुनीता कोरी को अपने रहनुमा का इंतजार है।
WD

मामला अमेठी के पूरे जवाहरसिंह का पुरवा गांव का है। मामला वर्ष 2008 कीं 26 जनवरी का है। तब प्रदेश में बसपा की सरकार और मुखयमंत्री मायावती थीं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अचानक दलित प्रेम उमड़ा और वे सीधे पहुंच गए गांव की दलित सुनीता कोरी की झोपड़ी।

अमेठी संसदीय क्षेत्र के संग्रामपुर गांव की टूटी-फूटी सड़कों को नापते राहुल का काफिला 26 जनवरी 2008 को लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्या सुनीता जो कि दलित कोरी जाति की है, उसकी झोपड़ी जा पहुंचे। वहां राहुल गांधी स्वयं सहायता समूह की कार्यप्रणाली से अवगत हुए और सुनीता के परिवार के बारे में जानकारी ली।

सुनीता के घर मानो भगवान आ गए। उसने राहुल गांधी को खाने के लिए दाल, चावल, रोटी, सब्जी, पूड़ी बड़ी जतन से तैयार की जिसे बड़े प्रेम से राहुल गांधी ने स्वीकार किया। सुनीता के घर की कच्ची मिट्टी की दीवारों के बीच राहुल ने रात गुजारी, वे वहीं सोए।

राहुल गांधी ने दलित सुनीता के घर जाकर देश भर को संदेश दिया कि शहजादा दलितों का पक्का हमदर्द है और समाज में गैरबराबरी, और जात-पांत की दीवारों से परे है।

किन्तु राहुल गांधी का दलित के घर जाना सुनीता कोरी को उल्टा पड़ा। राहुल गांधी के जाने के कुछ वर्षों के बाद जब बसपा सरकार का तखता पलटने वाला ही था उसी समय 11 मार्च 2012 को गांव के ही दबंगों ने दलित सुनीता के घर को आग के हवाले कर दिया। दलित सुनीता की झोपड़ी जलकर खाक हो गई। मामले की प्राथमिकी संग्रामपुर थाने में दर्ज कराई गई, किन्तु तब से आज तक अज्ञात आरोपियों का कोई अता-पता नहीं है। कोई कार्यवाही नही हुई।

आग के हवाले राजनीति

सुनीता कोरी की झोपड़ी क्या जली, जिले की राजनीति में तूफान आ गया। सभी राजनीतिक दलों में होड़ लग गई कि कैसे दलित सुनीता के नाम के साथ राहुल गांधी को मिली प्रचार की ख्याति स्वंय अर्जित कर अपने खाते में डाली जाए। फिर क्या था। समाजवादी पार्टी के स्थानीय सपा विधायक अब सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने भागकर उसकी झोपड़ी की जगह पक्के ईंटों की दीवारें उठा दी। यह खबर जब छपी तो समाजवादी पार्टी के नेता ने अचानक अपने हाथ खींच लिए। भला दलित की चिंता का क्या औचित्य?

बिना छत की दीवारें अपना दर्द बयां कर रही थीं कि तभी आप पार्टी के नेता कुमार विश्वास अमेठी आते हैं। भला वे राजनीति में पीछे कैसे रहते। पिछले दिनों उन्होंने सुनीता के घर में छत पर चद्‌दरें बिछवा दीं। अब घर बन कर तैयार है लेकिन दलित के घर न बिजली है न पानी। न तो बीपीएल कार्ड बना, न मिला रोजगार और न ही मनरेगा में काम। पड़ोसी ने रास्ते पर भी कब्जा कर लिया। सुनीता के पति की नौकरी चली गई जो स्वयं सहायता समूह में थी। सुनीता भी लक्ष्मी सहायता समूह की अब सदस्य नही रहीं।

आम चुनाव आ गए। सभी राजनीतिक दल सुनीता से वोट मांगने आ रहे हैं। ठगी गई सुनीता को बस इंतजार है राहुल का। सुनीता का मानना है कि उसका क्यागुनाह? राहुल को खाना खिलाना उसे इतना महंगा क्यों पड़ा? नेता तो सब गए पर सुनीता का दर्द बरकरार है। सुनीता विचार कर रही है कि कहीं उसने राहुल को वोट दिया तो उसके परिवार का अंजाम क्या होगा? अब किस दल को सुनीता का परिवार वोट देगा इसी जद्‌दोजहद में हैं सब।

जब प्रियंका ने दिलाया दलित को न्याय...अगले पन्ने पर..


WD
अमेठी के संग्रामपुर के गांव पूरे जवाहरसिंह का पुरवा में दलित सुनीता कोरी को जहां न्याय का इंतजार है वहीं संग्रामपुर के गांव पुन्नूपुर में रामभजन के झोपड़ीनुमा घर को गांव के ही दबंग बब्बन सिंह ने जमींदोज कर दिया। पिछले दिनों इस पर प्रियंका गांधी चुप न रह सकीं। चल पड़ीं फौज-फाटा के साथ और दलित को न्याय दिलाने जा धमकीं थाना संग्रामपुर।

दलित रामभजन को बेघर करने वालों पर तो आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई किन्तु प्रियंका गांधी ने दलित रामभजन को पड़ोस में जमीन खरीदने में मदद की और उस पर पक्का घर बनवा दिया। सांसद निधि से घर के सामने हैण्डपम्प लग गया और देखते ही देखते घर बिजली से जगमग हो गया।

दलित रामभजन के बेटे शम्भू सिंह को दुबई में रोजगार मिल गया। दुबई से कमाकर शम्भू सिंह चुनाव के महापर्व पर अमेठी आ गया है। आखिर उसे राहुल गांधी को वोट देकर प्रियंका के अहसान का बदला जो चुकाना है।