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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 8 दिसंबर 2013 (19:03 IST)

सोनिया ने विनम्रता से पराजय को स्वीकारा

सोनिया ने विनम्रता से पराजय को स्वीकारा -
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नई दिल्ली। जनता के फैसले को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हुए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को बदलने का संकल्प जताने के साथ कहा कि वह अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा उचित समय पर करेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर पार्टी बेहद निराश है और गहरे आत्ममंथन करने की जरूरत है। सोनिया गांधी और उनके पुत्र एवं पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में बातचीत करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर जनता नाखुश है, वरना वह इस प्रकार के नतीजे नहीं देती। उन्होंने साथ ही जीत के लिए प्रतिद्वंद्वियों को बधाई दी।

पराजय की संक्षिप्त रूप से समीक्षा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इसके अनेक कारण रहे हैं जिनमें महंगाई सहित विभिन्न मुद्दे शामिल हैं। सोनिया ने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव के नतीजों का आगामी लोकसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, आम चुनाव बिलकुल अलग होते हैं। राज्यों के चुनाव में लोग राज्य स्तर पर, व्यक्तियों पर और नेताओं पर फोकस करते हैं जो उनका नेतृत्व करने वाले हैं, जबकि राष्ट्रीय चुनाव में जनता उन व्यक्तियों की ओर देखती है जो संभवत: राष्ट्रीय स्तर पर उनका मार्गदर्शन करेंगे और शासन करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस पार्टी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगी? सोनिया गांधी ने कहा, जनता को चिंतित होने की जरूरत नहीं क्योंकि उचित समय पर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी। शुरुआत में वह इस सवाल का जवाब देने से बचती दिखीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, हम बयान देंगे। पार्टी को तय करना है। पार्टी उपयुक्त समय पर तय करेग। राहुल ने कहा कि चुनावों के जरिए जनता ने हमें संदेश दिया है, जिसे हमने सुना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को खड़े होने के लिए अपने आप को बदलना होगा। हमें एक नया उदाहरण देना है और आम जनता को गंभीर स्थान देंगे।

आम आदमी पार्टी के जोरदार प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा ने परंपरागत तरीके से राजनीति के बारे में सोचा था। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं, हमें जनता को शक्तिसम्पन्न बनाने के तरीके से समझने की जरूरत है जिसके बारे में मैं अपने पार्टी के अंदर कहता रहा हूं। मैं इसे एक केन्द्रीय मुद्दा बनाने जा रहा हूं।

उन्होंने कहा कि वह ‘आप’ की सफलता से सीखेंगे। उनका यह भी कहना था कि नई पार्टी ने बहुत सारे लोगों को जोड़ा जो परंपरागत पार्टियों ने नहीं किया। राहुल ने कहा हम उन्हें (लोगों को) इस तरह से जोड़ने जा रहे हैं जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। (भाषा)