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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 7 जुलाई 2014 (19:10 IST)

कंपनी कानून में संशोधन कर सकती है सरकार

कंपनी कानून में संशोधन कर सकती है सरकार -
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नई दिल्ली। नए कंपनी कानून में बदलाव को लेकर मच रहे कोलाहल के बीच पूर्व कंपनी मामलात मंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि नई सरकार कंपनी कानून पर अपनी ‘मुहर’ लगाने के लिए उसमें संशोधन करने की हकदार है, लेकिन यह कहना गलत होगा कि कानून के लिए भागीदारों से सलाह नहीं ली गई थी।

10 साल से लंबित नए कंपनी कानून, 2013 को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पायलट ने यह भी कहा कि नई लकीर खींचने वाला यह कानून अपने उद्देश्य से कहीं भटक न जाए, कानून में बदलाव करते समय इसका ख्याल रखा जाना चाहिए।

उन्होंने जोर दिया कि उनके कार्यकाल के दौरान कंपनी मामलों के मंत्रालय ने समावेशी होने का भरसक प्रयास किया और विभिन्न भागीदारों की सहमति ली गई। पायलट ने कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि इसमें उद्योग जगत के विचारों को शामिल नहीं किया गया।

पायलट ने यहां एक भेंटवार्ता में कहा क‍ि यदि आप इस कानून पर अपनी मुहर लगाना चाहते हैं तो बेशक इसमें बदलाव करें... आप सरकार में हैं ठीक है, लेकिन आपको यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि क्यों यह कानून और कानून की धाराओं को पारित किया गया।

उल्लेखनीय है कि उद्योग मंडलों ने हाल के महीनों में न एक कानून को लेकर कई तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं। इनमें ऋण देने से जुड़े प्रावधानों, सीएसआर पर खर्च, वित्तीय रिपोर्टिंग व अंकेक्षण, स्वतंत्र निदेशकों व संबद्ध पक्षों से लेन-देन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।

इन चिंताओं को दूर करने के लिए नई सरकार ने भागीदारों के साथ परामर्श किया है और कानून में बदलाव किए जाने की संभावना है।

पायलट ने कहा क‍ि उन्हें क्या करना है, यह उन्हें (सरकार को) तय करना है लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि जब इस कानून को संसद में पारित किया गया तो इसकी चारों ओर सराहना की गई। (भाषा)