शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Zaki-ur-Rehman Lakhvi
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014 (21:14 IST)

लखवी की रिहाई के खिलाफ भारतीय संसद एकजुट

लखवी की रिहाई के खिलाफ भारतीय संसद एकजुट - Zaki-ur-Rehman Lakhvi
नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के षड्यंत्रकारी जकीउर रहमान लखवी को जमानत पर रिहा किए जाने को समूची मानवता के लिए सदमा बताते हुए भारत ने आज पाकिस्तान से कहा कि वह इस कदम को तुरंत वापस ले।
लोकसभा में सभी दलों ने पूरी तरह से एकजुट हो कर लखवी को जमानत दिए जाने की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से कहा कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने वाले को सजा देने के लिए वह सभी आवश्यक कदम उठाए। इस जघन्य अपराध में 166 लोग मारे गए थे।
 
सदन द्वारा पाकिस्तान में लखवी को जमानत पर रिहा करने की भर्त्सना किए जाने के बीच प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में आए और कहा कि इस पड़ोसी देश ने अपने यहां आतंकियों के हाथों 132 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या किए जाने के दो दिन बाद ही एक खूंख्वार आतंकवादी को रिहा करके समूची मानवता को सदमा पहुंचाने वाला काम किया है।
 
प्रधानमंत्री ने सदन को बताया कि लखवी को जमानत दिए जाने के तुरंत बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को कड़े से कड़े शब्दों में अपनी भावना से अवगत करा दिया है।
 
उन्होंने कहा ‘पाकिस्तान से अपेक्षा थी कि... अभी अभी दो दिन पहले ही उसके यहां बच्चों की निर्मम हत्या की जो भयावह घटना घटी है और बच्चों का जो भयावह संहार हुआ है, उससे पकिस्तान को जितनी पीड़ा हुई, उससे भारत को रत्ती भर भी कम पीड़ा नहीं हुई। हमारे देश के हर बच्चे, हर मां की आंखों में आंसू थे।’
 
मोदी ने कहा लेकिन उसके तुरंत बाद पाकिस्तान का यह रवैया...यह समूची मानवता को सदमा पहुंचाने वाला है।’ उन्होंने कहा कि सदन ने लखवी को पाकिस्तान में जमानत पर रिहा करने के बारे में एक स्वर में जो चिंता जताई है और निंदा की है, सरकार की भावना सदन की भावना के अनुरूप रहेगी।
 
प्रधानमंत्री के बयान के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी सदन में आकर इस बारे में दिए बयान में पाकिस्तान से मांग की कि वह लखवी को जमानत पर रिहा करने के अपने कदम को तुरंत वापस ल
 
सुषमा ने कहा ‘पाकिस्तान ने अपने यहां आतंकवादियों द्वारा मासूम बच्चों की निर्मम हत्या किए जाने के बाद आतंकियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करने का प्रण किया था लेकिन लखवी को जमानत देकर उसने अपने इस प्रण का ही मजाक उड़ाया है।’ 
 
विदेश मंत्री ने कहा ‘हम पाकिस्तान के इस तर्क को स्वीकार नहीं करते हैं कि उसके पास लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर और संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित लखवी के खिलाफ सबूत नहीं हैं। हम बिना किसी शक के कह सकते हैं कि मुंबई हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। उनकी जांच एजेंसियों के पास उसके खिलाफ सबूत जुटाने के लिए छह साल का समय था। सबूत एकत्र कर पेश करने की जिम्मेदारी उनकी थी।’ 
 
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान में मासूम बच्चों के बेरहमी से हुए कत्लेआम के उनके दर्द को हमने महसूस किया। लेकिन पाकिस्तान ने लखवी को जमानत दे कर हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता के बारे में संशय पैदा कर दिया है।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस कृत्य से पेशावर में मासूम बच्चों की हत्या करने वालों सहित सभी आतंकवादियों को शह मिलेगी और पाकिस्तान का यह प्रण गलत साबित होता है कि वह अब से आतंकवादियों तथा आतंकी संगठनों के खिलाफ बिना शर्त और भेदभाव के कार्रवाई करेगा।
 
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के बयान के बाद सदन ने लखवी को जमानत पर रिहा करने के पाकिस्तान के कृत्य के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि लखवी को जमानत दिए जाने से लगता है कि पाकिस्तान ने शायद यह सबक नहीं सीखा है कि आतंकवादियों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा पढ़े गए इस प्रस्ताव में भारत सरकार से दूसरे देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए ऐसे सभी कदम उठाने को कहा गया है जिससे इस मामले को संतोषजनक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके। प्रस्ताव में कहा गया कि भारत इस बात को दोहराता है कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकी ढांचे को नष्ट करे और यह सुनिश्चित करे कि आतंकी वहां खुले न घूमें।
 
इस प्रस्ताव के प्रारूप को सदन में शून्यकाल चलने के दौरान ही प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श करके सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने मिलकर तैयार किया। सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति में प्रधानमंत्री के साथ कांग्रेस के शशि थरूर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और सदन के उपाध्यक्ष थंबी दुरै को आपस में विचार-विमश करते इसे बनाते देखा गया।
 
इससे पहले, प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में सभी दलों के सदस्यों ने एक स्वर में लखवी को जमानत दिए जाने की भर्त्सना की। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन ने लखवी को जमानत दिए जाने के खिलाफ एक स्वर में बोलकर पूरे देश की भावना को रखा है।
 
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने लखवी को जमानत पर रिहा किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमले में 132 बच्चों की निर्मम हत्या किए जाने की घटना के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को रोकने के लिए हर कदम उठाने की बात की थी लेकिन उसके दो दिन बाद ही लखवी को जमानत देने से उसका दूसरा चेहरा दिख रहा है। (भाषा)