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Last Updated :नागपुर , बुधवार, 29 जुलाई 2015 (20:10 IST)

याकूब मेमन ने तैयार नहीं की अपनी वसीयत

याकूब मेमन ने तैयार नहीं की अपनी वसीयत - Yakub Memon
नागपुर। मुंबई विस्फोट के दोषी याकूब मेमन की फांसी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय में दायर एक और याचिका बुधवार को खारिज हो गई और उसे कल फांसी देने की तिथि तय है, लेकिन उसने अभी तक अपना कोई वसीयतनामा तैयार नहीं किया है। 
 
ताजा खबर यह है कि याकूब को फांसी देने के बाद उसका शव परिजनों को सौंपा जाएगा, जो उसे मुंबई ले जाएंगे। उधर मुंबई में गुरुवार को कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं।  
 
मेमन के वकील अनिल गेदाम ने आज यह बात कही। कल याकूब का 53वां जन्मदिन है और उसे फांसी पर लटकाने की तारीख भी कल ही तय की गई है।
 
गेदाम ने कहा, याकूब को उच्चतम न्यायालय से और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका से भी राहत मिलने की उम्मीद थी। उसने संभवत: सोचा होगा कि वह बच जाएगा और फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा और इसलिए उसने अपना वसीयतनामा तैयार नहीं कराया। 
 
गेदाम ने कहा कि 1993 के विस्फोटों में मौत की सजा प्राप्त एकमात्र दोषी याकूब ने सभी कानूनी उपचार अपना लिए और उसने महाराष्ट्र सरकार के मौत के वारंट को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उच्चतम न्यायालय में 21 जुलाई को उसकी उपराचात्मक याचिका पर सुनवाई से पहले ही इसे जारी कर दिया गया। 
 
जेल मैन्युअल के चैप्टर 11 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मौत की सजा प्राप्त व्यक्ति के शव के बारे में निर्णय करने का अधिकार नागपुर केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक को होगा। अगर परिवार शव को प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें अधिकारियों को लिखित में देना होगा
 
फांसी पर लटकाने के बाद चिकित्सक शव का पोस्टमार्टम करेंगे, जिसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज नागपुर के फोरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। 
 
गेदाम ने कहा कि अगर परिवार शव को प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें अधिकारियों को लिखित में देना होगा कि वे मुद्दा नहीं बनाएंगे और शव के साथ प्रदर्शन नहीं करेंगे और उसे शांतिपूर्वक दफन कर देंगे, लेकिन अंतिम निर्णय महाराष्ट्र की सरकार करेगी और उसके अंतिम संस्कार के स्थान का निर्णय वह कर सकती है।
 
वकील ने कहा कि साथ ही यह पूरी तरह महानगर एवं महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर कानून-व्यवस्था पर निर्भर करता है। इस बीच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) मीरा बोरवानकर नागपुर जेल के अंदर डेरा डाले हुए हैं और याकूब को फांसी पर लटकाने से पहले केंद्रीय कारागार की व्यवस्थाओं की निगरानी कर रही हैं। (भाषा)