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Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला
Last Updated : शनिवार, 30 जून 2018 (13:20 IST)

आतंकवाद और हिन्दुत्व दो परस्पर विरोधी बातें हैं, उग्रवादी सूची में आने पर विहिप अध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

आतंकवाद और हिन्दुत्व दो परस्पर विरोधी बातें हैं, उग्रवादी सूची में आने पर विहिप अध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया - vishwa hindu parishad  VS Kokje
विश्व हिन्दू परिषद के प्रमुख और हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति वीएस कोकजे ने कहा कि हम चाहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हिन्दू हित का ध्यान रखने वाली सरकार ही बने। महागठबंधन का कोई भविष्य नहीं है क्योंकि इस तरह के प्रयास पहले भी हो चुके हैं। 
 
अमेरिका की उग्रवादी सूची में विहिप : बजरंग दल और विहिप को अमेरिका द्वारा उग्रवादी संगठनों की सूची में डाले जाने के सवाल पर कोकजे ने कहा कि यह दुष्प्रचार है। हो सकता है कि वे कट्‍टर हिन्दुत्व को मिलिटेंट विचार समझते हों, मगर ऐसा है नहीं। दरअसल, आतंकवाद और हिन्दुत्व दो परस्पर विरोधी बातें हैं। विचारों का आग्रह हो सकता है, मगर हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता। हमारी परंपराएं उदार हैं। हम बम धमाका करने वालों की श्रेणी में नहीं हैं। 
अयोध्या में राम मंदिर : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से जुड़े सवाल पर न्यायमूर्ति कोकजे कहते हैं कि चुनाव और मंदिर निर्माण दोनों अलग-अलग बातें हैं। राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत 1984 में हुई थी। उस समय किसी को दूर दूर तक अहसास नहीं था कि सत्ता में कभी हिन्दूवादी शक्तियां भी आएंगी।
 
उन्होंने उम्मीद जताई की सितंबर तक मंदिर मुद्दे पर अदालत का फैसला आ जाएगा। जहां तक फैसले को मानने और न मानने की बात है, अभी से कुछ भी कहना संभव नहीं है। लेकिन, यह तय है कि संविधान के खिलाफ जाकर कोई बात नहीं होगी। 
 
गोहत्या विवाद : गोहत्या के नाम पर हिंसा के सवाल पर कोकजे ने कहा कि इस तरह की खबरें सनसनी फैलाने के लिए ज्यादा सामने आती हैं। ट्रेन में सीट के विवाद को गोमांस से जोड़ दिया जाता है। दरअसल, न्यायालय के फैसले से पहले ही जजमेंट दे दिया जाता है। बाद में अदालत में क्या हुआ इसकी तह तक कोई नहीं जाता। 
 
इसमें कोई संदेह नहीं कि जो भी अपराध करे उसे सजा अवश्य मिलनी चाहिए, लेकिन मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। इस तरह की खबरों से हिन्दुत्व की छवि खराब होती है। 
 
भाजपा से मतभेद : विहिप और भाजपा के बीच मतभेद के प्रश्न पर हिमाचल के पूर्व राज्यपाल ने कहा कि दोनों के ही क्षेत्र अलग अलग हैं। अत: दूरियां होने का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा राजनीतिक दल है और हम सामाजिक संगठन। संघर्ष की नौबत एक जैसा होने पर आती है। भाजपा हिन्दुओं का ध्यान रखने वाली पार्टी है। यदि हम भाजपा से संघर्ष करेंगे तो हिन्दू मूल्यों की रक्षा कौन करेगा? बाकी दल तो हिन्दू धर्म को बदनाम करते हैं और संगठन को भगवा आतंकवाद जैसे विशेषणों से नवाजते हैं। 
 
हिन्दू समाज में जातिवाद : जातियों में बंटे हिन्दू समाज के मामले में न्यायमूर्ति कोकजे ने कहा कि विहिप का उद्देश्य है कि समाज में यह भावना विकसित हो कि सारे हिन्दू सहोदर हैं। इसमें हम कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। निश्चित ही सैकड़ों वर्षों से हिन्दू समाज में कुरीतियां हैं। इन्हें दूर करने में थोड़ा तो समय लगेगा। विहिप में जाति भेदभाव नहीं है। 1925 से ही संघ में भी जातिवाद नहीं है। 
उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां, मुसलमान और तथाकथित सेक्युलर ताकतें हिन्दू समाज को लेकर दुष्प्रचार करती हैं। दरअसल, धर्मांतरण के बाद भी ईसाई और मुस्लिम बने दलित तबकों के साथ आज भी भेदभाव होता है। यह कहना गलत है कि वे धर्मांतरण के बाद पवित्र हो गए। धर्मांतरित लोगों को आरक्षण की सुविधा खत्म करने के मसले पर कोकजे कहते हैं कि ऐसे लोग दोहरी नीति अपनाते हैं। वे धर्म तो बदल लेते हैं लेकिन सुविधाओं के लिए अपनी पुरानी पहचान भी बनाए रखते हैं। 
 
हिन्दुओं में एक धर्माचार्य : हिन्दू धर्म में सर्वमान्य एक धर्माचार्य के प्रश्न पर कोकजे कहते हैं कि यहां यह कतई संभव नहीं है क्योंकि हिन्दू धर्म विविधता में विश्वास रखता है। यहां हर व्यक्ति को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है। सामान्य हिन्दू सबको सद्‍भाव की दृष्टि से देखता है। हिन्दुओं में धार्मिक अनुशासन की बात न्यायमूर्ति कोकजे कहते हैं कि आजादी के बाद हम स्वच्छंद हो गए और हमने हिन्दू आचार संहिता को छोड़ दिया। पारिवारिक विघटन के चलते भी यह सब हुआ। 
 
विपक्ष के महागठबंधन को उन्होंने 'महाठगबंधन' करार देते हुए कहा कि इसमें शामिल सभी ताकतें कांग्रेस से ही निकली हुई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2019 में भी हिन्दू हित की सरकार बनेगी।  
 
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