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Last Updated : सोमवार, 17 जुलाई 2017 (21:03 IST)

वेंकैया नायडू होंगे उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी

वेंकैया नायडू होंगे उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी - Venkaiah Naidu  Vice Presidential Candidate
नई दिल्ली। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू भाजपा नीत एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सोमवार को वेंकैया के नाम की घोषणा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने की।  

नायडू के नाम की घोषणा से पहले दो और नाम चर्चा में थे। राज्यपाल विद्यासागर राव एवं केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में थे, लेकिन अन्तत: अटकलों के अनुरूप वेंकैया का नाम पर मुहर लग गई। 
 
नायडू भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं साथ ही वे दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि विपक्ष ने संयुक्त रूप से गोपालकृष्ण गांधी को मैदान में उतारा है।  

भाजपा के भरोसेमंद रहे हैं वेंकैया : 1947 में आंध्रप्रदेश में जन्मे वेंकैया ने नेल्लोर के आंदोलन में हिस्सा लेते हुए विजयवाड़ा के आंदोलन का नेतृत्व किया था। 1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए।
 
वेंकैया नायडू शुरू से ही पार्टी के भरोसेमंद रहे हैं। उन्हें 1980 में भाजपा यूथ विंग और आंध्रप्रदेश विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। शुरुआती दौर में वे आंध्र भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी के बाद पार्टी ने उनका कद बढ़ाते हुए 1988 में उन्हें आंध्र बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया।
 
1993 से 2000 तक वेंकैया भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे। आंध्रप्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ ही सालों बाद दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में उनको जगह मिल गई। वेंकैया नायडू 1998 से लगातार राज्यसभा के सदस्य हैं। मौजूदा समय में वे राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य हैं। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए 2002 में उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी गई। 
 
इसके बाद वैंकेया आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन से जुड़े। आपातकाल के बाद ही उनका जुड़ाव जनता पार्टी से हो गया। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। 2002 से 2004 तक उन्हें भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। 

अटल से लेकर मोदी तक के करीबी :  वेंकैया पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वायजेपी के करीबी थे, जिस वजह से उन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व सौंपा गया। मौजूदा समय में वेकैंया नायडू शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन और संसदीय कार्यमंत्री हैं।  उसके बाद चाहे अटलबिहारी वाजपेयी हों या आडवाणी या फिर मोदी, सभी की पसंद वेंकैया रहे हैं। केंद्र सरकार वेंकैया नायडू को कई संसदीय समितियों का सदस्य भी बना चुकी है।
 
दक्षिण भारत पर नजर : उत्तर भारत में भाजपा की पकड़ मजबूत है, लेकिन दक्षिण भारत में भाजपा कमजोर पड़ जाती है। वे आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। भाजपा इस दांव से दक्षिण में अपना आधार मजबूत करना चाहती है। दक्षिण में कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा मजबूत स्थिति में है।    
 
वेंकैया नायडू के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह रही कि वे आंध्रप्रदेश यानी दक्षिण से आते हैं, जहां पार्टी का खास जनाधार नहीं है। ऐसे में दक्षिण में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए भाजपा के सामने उपराष्ट्रपति चुनाव से बढ़िया मौका नहीं हो सकता था और यही कारण है कि उन्हें उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है।
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