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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 5 जुलाई 2015 (19:04 IST)

UGC ने 19 कॉलेजों को दिया विरासत दर्जा

UGC ने 19 कॉलेजों को दिया विरासत दर्जा - UGC
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 100 साल पुराने कॉलेज परिसरों को संरक्षित  करने के मकसद से देशभर में 19 संस्थानों को ‘विरासत’ का दर्जा दिया है और इनके विकास एवं  उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता की मंजूरी दी है।
आयोग ने ‘विरासत कॉलेज योजना’ के तहत विरासत दर्जा हासिल करने के लिए कॉलेजों से प्रस्ताव  आमंत्रित किए थे। इसके लिए उसे 60 प्रस्ताव मिले। हालांकि उनमें दिल्ली से कोई कॉलेज नहीं था।
 
यूजीसी में अधिकारियों ने कहा कि अब तक मिले 60 प्रस्तावों में से चयन समिति ने 19 कॉलेजों को  इस दर्जे के लिए मंजूरी दी है। इन कॉलेजों के लिए विभिन्न वित्तीय सहायता की मंजूरी दी गई है और  इस अनुदान राशि का इस्तेमाल वे कॉलेज परिसर के संरक्षण कार्य तथा धरोहर से संबंधित विशेष  पाठ्यक्रम के लिए कर सकते हैं।
 
दर्जा पाने वाले कॉलेजों में मुंबई का सेंट जेवियर कॉलेज, कोट्टायम का सीएमएस कॉलेज, तिरुचिरापल्ली  का सेंट जोसफ कॉलेज, अमृतसर से खालसा कॉलेज, शिमला का सेंट बीड्स कॉलेज, कानपुर में क्राइस्ट  चर्च कॉलेज, आगरा में ओल्ड आगरा कॉलेज, मेरठ में मेरठ कॉलेज और बिहार के मुजफ्फरपुर में लंगट सिंह कॉलेज शामिल हैं।
 
सूची में दर्ज अन्य नामों में केरल का गवर्नमेंट ब्रेंने कॉलेज, मेंगलुरु में यूनिवर्सिटी कॉलेज, गुवाहाटी में  कॉटन कॉलेज, पश्चिम बंगाल में मिदनापुर कॉलेज, जबलपुर में गवर्नमेंट मेडिकल साइंस, नागपुर में  हिसलोप कॉलेज, पुणे में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी का फर्गुसन कॉलेज, जम्मू में गवर्नमेंट गांधी  मेमोरियल साइंस कॉलेज, जालंधर में कन्या महाविद्यालय और कोलकाता में सेंट जेवियर कॉलेज शामिल  है। गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज को इसके परिसर के संरक्षण के लिए सबसे अधिक 4.35 करोड़ रुपए की  अनुदान राशि मिली है।
 
लंगट सिंह कॉलेज, जहां चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी रुके थे और देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शिक्षक रह चुके थे, को डिजिटल पुस्तकालय के विकास के लिए यूजीसी की तरफ से 15  लाख रुपए का वित्तीय अनुदान मिला है।
 
इसी तरह से 1892 में स्थापित मेरठ कॉलेज को इसकी मरम्मत के लिए 1.34 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व मानव संसाधान विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी इसी कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। (भाषा)