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Last Modified: मंगलवार, 31 मार्च 2015 (21:56 IST)

तंबाकू-कैंसर पर भाजपा सांसद की टिप्पणी से बवाल

तंबाकू-कैंसर पर भाजपा सांसद की टिप्पणी से बवाल - Tobacco, cancer
नई दिल्ली। तंबाकू के सेवन से कैंसर होने की पुष्टि करने का कोई भारतीय अध्ययन नहीं होने के बारे में एक संसदीय समिति के प्रमुख और भाजपा सांसद दिलीप गांधी की टिप्पणियों पर मंगलवार को एक बड़ा विवाद पैदा हो गया। इससे सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी और विपक्षी पार्टियों एवं मेडिकल समुदाय ने उन पर निशाना साधा।
महाराष्ट्र से सांसद गांधी को उनकी स्तब्धकारी और बेतुकी टिप्पणियों को लेकर ‘नासमझ’ और ‘अज्ञानी’ कहा गया। तंबाकू लाबी की मांग पर तंबाकू उत्पादों पर चित्रात्मक चेतावनी का आकार बढ़ाने की 1 अप्रैल की समय सीमा को सरकार द्वारा टाले जाने के बीच उनकी टिप्पणी आई है।
 
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी के बयान को एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में नामंजूर करते हुए कहा कि इन बातों को ना सुनें। विज्ञान, विज्ञान है। आप विज्ञान पर समझौता नहीं कर सकते हैं।
 
उनसे प्रतिक्रिया देने को कहे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की। गांधी ‘सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003’ के प्रावधानों के निरीक्षण हेतु गठित संसदीय समिति के प्रमुख हैं। 
 
उन्होंने कहा था कि तंबाकू के कारण सेहत को होने वाले नुकसान से संबंधित सारे अध्ययन विदेशों में हुए हैं और हमें इसके भारतीय पक्ष को भी देखना चाहिए। महाराष्ट्र से भाजपा सांसद गांधी के नेतृत्व वाली संसदीय समिति ने सरकार से ‘जोरदार ढंग से’ मांग की है कि वह तंबाकू के पैकेट पर तस्वीरों में छपी चेतावनी का आकार 40 प्रतिशत से बढ़ाकार 85 प्रतिशत करने का अपना प्रस्ताव रोक ले। इस संबंध में सरकार की अधिसूचना सोमवार से प्रभावी होनी थी।
 
गांधी ने कहा कि सभी लोग तंबाकू के नुकसानदेह प्रभाव से सहमत हैं, लेकिन ऐसा कोई भारतीय सर्वेक्षण नहीं है जो तंबाकू के सेवन से कैंसर होने की बात साबित कर सके। सभी अध्ययन विदेश में हुए हैं। 
 
कैंसर सिर्फ तंबाकू से नहीं होता। हमें भारतीय संदर्भ में अध्ययन करना होगा क्योंकि मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में चार करोड़ लोगों की आजीविका तेंदू पत्ता से बीड़ी बनाने से चलती है। गांधी ने कहा कि समिति ने सिर्फ तंबाकू चेतवानियों को तब तक के लिए टाले जाने की मांग की है जब तक कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में समूचे मुद्दे पर गौर नहीं कर लिया जाता और विदेशी सर्वेक्षण से निष्कर्ष नहीं निकाला जाए। गांधी के बयान ने विपक्ष को एक अच्छा हथियार दे दिया है। 
 
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सिगरेट निर्माताओं और भाजपा के बीच संबंधों की जांच कराने की मांग की है। सिंह ने कहा कि किसी को भाजपा और सिगरेट, गुटखा निर्माताओं के संबंधों पर अध्ययन करना चाहिए। तभी हमें जवाब मिलेगा..। 
 
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने भी गांधी की टिप्पणी पर हैरानी जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मैं स्तब्ध हूं कि कोई ऐसा बयान दे सकता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हो सकता है कि उन्हें किसी ने गलत सूचना दी हो या गुमराह किया हो।
 
उन्होंने कहा कि टाटा मेमोरियल अस्पताल जाइए, पूरे भारत और दुनिया भर के कैंसर चिकित्सकों ने काफी शोध किया है। सभी वैज्ञानिक और कैंसर चिकित्सक गलत हैं तथा सिर्फ एक आदमी सही है। मेरे बड़े भाई जैसे आर आर पाटिल की इससे मौत हुई थी।
 
भारतीय कैंसर सोसाइटी ने इसे बेतुका बयान बताया। सोसाइटी की यू. बांगुई ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह सबसे बेतुका बयान है। हम सभी अपने देश में कैंसर पर हुए शोध की मात्रा से अवगत हैं क्योंकि भारत उन देशों में शामिल है जहां कैंसर के सबसे अधिक मामले हैं। (भाषा)