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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 7 नवंबर 2016 (08:18 IST)

भारत पहुंचीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा, नरेंद्र मोदी से मुलाकात में होंगे ये मुद्दे शामिल

भारत पहुंचीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा, नरेंद्र मोदी से मुलाकात में होंगे ये मुद्दे शामिल - theresa may's visit an opportunity to redefine Indo-UK relationship
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे भारत की दिन दिवसीय यात्रा के लिए रविवार रात दिल्ली पहुंची। ब्रिटेन की कमान संभालने के बाद यह थेरेसा का यूरोप के बाहर और भारत में पहला दौरा है। थेरेसा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी और दिल्ली में उनका औपचारिक स्वागत भी किया जाएगा।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने भारत को ब्रिटेन के 'सबसे महत्वपूर्ण व करीबी' दोस्तों में एक व दुनिया की एक प्रमुख शक्ति करार देते हुए रविवार को कहा कि वह अपनी भारत यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में रक्षा, सुरक्षार और व्यापार के क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीति संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगी। उन्होंने कहा है कि भारत की उनकी यह यात्रा द्विपक्षीय रणनीति भागीदारी की महत्ता को पुनपरुष्टि करती है। 
 
थेरेसा ने इस यात्रा के संदर्भ में संडे टेलीग्राफ में एक आलेख भी लिखा है कि वे नई दिल्ली व बेंगलुरु की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान ब्रिटेन के श्रेष्ठ उत्पादों को आगे बढाएंगी। उन्होंने लिखा है,' भारत हमारे सबसे महत्वपूर्ण व करीबी दोस्तों में से एक है जो कि दुनिया की एक प्रमुख ताकत है। भारत के साथ हमारा साझा इतिहास, संस्कृति व मूल्य रहे हैं। भारत की अगुवाई ऐसे प्रधानमंत्री कर रहे हैं जो कि सुधारों के लिए दूरगामी कार्य्रकम की अगुवाई कर रहे हैं।' थेरेसा के अनुसार, 'दूसरे शब्दों में, हम मजबूत समझौतों व परिपक्व संबंधों वाले दो देश हैं जिनके पास अपने रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने का अवसर है।' 
 
यात्रा कार्यक्रम : तीन दिन के भारत दौरे पर आई थेरेसा आठ नवंबर तक रहेंगी और इसी दिन बेंगलुरु के अलसूर स्थित ऐतिहासिक सोमेश्वर मंदिर भी जाएंगी। थेरेसा के साथ आए 40 सदस्यों के दल में बिजनेसमैन ज्यादा हैं, जिससे संभावना जताई जा रही है कि इस दौरे में भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
 
भारत की आशा : ब्रेक्जिट के बाद भारत का व्यापारी समुदाय यूके के साथ व्यापार को लेकर काफी परेशान है क्योंकि व्यापारियों के मुताबिक ब्रेक्जिट के बाद यूके के साथ बिजनेस करना मुश्किल होगा। दोनों देशों के बीच 10 अरब डॉलर तक का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसके 2020 तक 20 अरब डॉलर तक होने की संभावना है। इसके साथ ही भारत भारतीय छात्रों के यूके वीजा पर अपनाए जा रहे सख्त रवैये का मुद्दा उठा सकता है क्योंकि पिछले एक साल में पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 50 फीसदी की कमी आई है।
 
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान भारत की ओर से लोन डिफॉल्टर विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला भी उठाया जा सकता है। वहीं दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वार्ता होगी। थेरेसा मे और प्राधानमंत्री मोदी संयुक्त तौर पर भारत-यूके टेक समिट का उद्घाटन भी करेंगे। (भाषा)
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