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Last Modified: शनिवार, 8 अप्रैल 2017 (00:33 IST)

3 वर्षों में पकड़ी 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी

3 वर्षों में पकड़ी 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी - Tax evasion, income tax department
नई दिल्‍ली। सरकार ने कर अपवंचकों और मनीलांड्रिंग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई  है और इस दौरान 23064 छापे मारकर 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी का पर्दाफाश किया गया है। 
     
आयकर विभाग ने इस संबंध में आज यहां जारी बयान में कहा कि राजस्व विभाग के तहत विभिन्न एजेंसियों ने पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन को लेकर यह सफलता हासिल की है। बयान में कहा गया कि विभिन्न एजेंसियां कर चोरी करने वालों और मनीलांड्रिंग करने वालों के विरुद्ध आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई करेंगे, ताकि उन्हें यह एहसास हो कि वे जो कर रहे उसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।  
 
पिछले तीन वर्षों में कुल मिलाकर 23064 छापे मारे गए जिनमें आयकर को लेकर 17525, सीमा शुल्क के लिए 2509, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क को लेकर 1913 और सेवाकर के लिए 1120 छापे मारे गए। इन छापों में 1.37 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई जिसमें आयकर में 69434 करोड़ रुपए, सीमा शुल्क में 11405 करोड़ रुपए, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 13952 करोड़ रुपए और सेवा कर में 42727 करोड़ रुपए शामिल है। 
   
बयान में कहा गया है कि 2814 मामलों में आपराधिक कार्रवाई की गई  है और 3893 लोग गिरफ्तार किए गए  हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनीलांड्रिंग के विरुद्ध कार्रवाई तेज करते हुए  519 मामले दर्ज किए  और 396 स्थानों पर छापेमारी की। इन मामलों में से 79 में गिरफ्तारियां हुई हैं और 14933 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई है। नवंबर 2016 से प्रभावी बेनामी निषेध कानून के तहत 245 बेनामी लेनदेन की पहचान की गई  है और 124 मामलों में 55 करोड़ रुपए  की संपत्ति की अस्थाई  कुर्की की गई  है। 
   
बयान में कहा गया है कि नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और इसकी पहचान करने के लिए कई उपाय किए  गए हैं। इसी के तहत दो लाख रुपए  से अधिक के नकद लेनदेन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। पैन नंबर और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के साथ ही 50 हजार रुपए से अधिक राशि जमा करने के लिए पैन नंबर को आवश्यक बनाया गया है। बैंक खातों से पैन नंबर को जोड़ने को अनिवार्य बनाया गया है। 
 
इसके साथ ही अचल संपत्ति के हस्तातंरण में 20 हजार से अधिक की नकद राशि लेनदेन पर इतनी ही राशि का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नोटबंदी के दौरान 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातों में 2.5 लाख रुपए  से अधिक और चालू खाते में 12.5 लाख रुपए  के नकद जमा की रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाया गया है। 
    
बयान में कहा गया है कि फर्जी कंपनियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई  है और वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 के दौरान आयकर विभाग ने 1155 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया जिनका 22 हजार लाभार्थियों ने उपयोग किया। इन लाभार्थियों ने 13300 करोड़ रुपए  से अधिक के अवैध लेनदेन किए  हैं। (वार्ता)
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