• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Shubhendu Adhikari's statement against Mamta Banerjee's challenge
Written By
Last Modified: मंगलवार, 19 जनवरी 2021 (01:04 IST)

ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम से 50 हजार से कम वोट से जीता तो राजनीति छोड़ दूंगा : शुभेंदु अधिकारी

ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम से 50 हजार से कम वोट से जीता तो राजनीति छोड़ दूंगा : शुभेंदु अधिकारी - Shubhendu Adhikari's statement against Mamta Banerjee's challenge
नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए सोमवार को ऐलान किया कि वह उनके गढ़ नंदीग्राम से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उसके तुरंत बाद भाजपा नेता अधिकारी ने चुनौती स्वीकार कर ली और कहा कि वह चुनाव में उन्हें हराएंगे वरना राजनीति छोड़ देंगे। अधिकारी हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

बनर्जी ने इस बड़ी घोषणा के लिए नंदीग्राम को चुना जो भाजपा से दो-दो हाथ करने के तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के संकल्प का परिचायक है। भाजपा राज्य में एक दशक से राज कर रही तृणमूल को सत्ता से उखाड़ फेंकने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है।

मुख्यमंत्री ने यहां एक रैली में कहा कि दूसरे दलों में जाने वालों को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं क्योंकि जब तृणमूल कांग्रेस बनी थी, तब उनमें से शायद ही कोई साथ था। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने पिछले कुछ सालों के दौरान ‘अपने द्वारा लुटे गए’ धन को बचाने के लिए पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) छोड़ी।

बनर्जी ने कहा, मैंने हमेशा से नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की है। यह मेरे लिए भाग्यशाली स्थान है। इस बार, मुझे लगा कि यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से इस सीट से मेरा नाम मंजूर करने का अनुरोध करती हूं। मंच पर मौजूद बख्शी ने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया।

उस पर कोलकाता में रोड शो और जनसभा कर रहे अधिकारी ने कहा, यदि मुझे मेरी पार्टी (भाजपा) नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतारती है तो मैं उनको कम से कम 50,000 वोटों के अंतर से हराऊंगा, अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा।

उन्होंने कहा कि लेकिन तृणमूल कांग्रेस जहां बनर्जी और उनके भतीजे ‘तानाशाही’ तरीके से चलाते हैं वहीं भाजपा में उम्मीदवार चर्चा के बाद तय किए जाते हैं और मेरी उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी को करना है। उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि मुझे कहां से उतारा जाएगा और उतारा भी जाएगा या नहीं।

नंदीग्राम विशेष आर्थिक क्षेत्र के निर्माण के लिए तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के ‘जबरन’ ‘जमीन अधिग्रहण के विरूद्ध विशाल जनांदोलन का केंद्र था। लंबे समय तक चले और रक्तरंजित रहे इस आंदोलन के चलते ही बनर्जी और उनकी पार्टी उभरी एवं 2011 में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में पहुंची। इसी के साथ 34 साल से जारी वाम शासन पर पूर्ण विराम लगा था। अधिकारी नंदीग्राम आंदोलन का चेहरा समझे जाते हैं।

हालांकि पाला बदलकर भाजपा में जा चुके अधिकारी ने अक्सर बनर्जी पर आरोप लगाया कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता दिलाने में मदद पहुंचाई, उस क्षेत्र के लोगों को उन्होंने भुला दिया। बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी। नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है और भवानीपुर मेरी छोटी बहन। यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पाई तो मैं वहां से कोई और मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारूंगी। उन्होंने कहा कि वह ‘कुछ लोगों’ को बंगाल को कभी भाजपा के हाथों नहीं बेचने देंगी।

उन्होंने कहा, जो पार्टी से चले गए, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्हें देश का राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति बनने दीजिए। लेकिन आप बंगाल को भाजपा के हाथों बेचने का दुस्साहस नहीं करें। जब तक मैं जिंदा हूं, मैं उन्हें अपने राज्य को भाजपा के हाथों नहीं बिकने दूंगी।

तृणमूल सूत्रों ने बताया कि बनर्जी का ऐलान पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों एवं आसपास के क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगा जो अधिकारी के पार्टी छोड़ देने के बाद बिना पतवार की नाव जैसा महसूस कर रहे हैं। अधिकारी का जिक्र किए बगैर बनर्जी ने कहा कि राज्य जीतने का सपने देखने से पहले उन्हें स्थानीय तृणमूल नेताओं से संघर्ष करना होगा।

उन्होंने वाममोर्चा सरकार के दौरान जबरन जमीन अधिग्रहण के विरूद्ध नंदीग्राम और सिंगूर में अपने नेतृत्व में छेड़े गए आंदोलन को याद करते हुए कहा कि भाजपा दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को कमतर आंक कर वही भूल कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, माकपा ने किसानों की जमीन छीनने का प्रयास किया था। भाजपा किसानों की फसल छीनने का प्रयत्न कर रही है।

प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करने पर भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कटाक्ष किया, भाजपा देश में सबसे बड़ी कबाड़ पार्टी है। भाजपा कोई राजनीतिक दल नहीं है बल्कि वाशिंग पाउडर है...वह तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अपने में शामिल करने के वास्ते पैसे और धमकियों का इस्तेमाल कर रही है।

अपनी पार्टी के दल-बदल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा भले ही कुछ नेताओं को खरीद ले लेकिन वह बंगाल के लोगों को खरीद नहीं सकती। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार जीतकर सत्ता में आएगी और भाजपा का सफाया हो जाएगा।

पिछले महीने शुभेंदु अधिकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने अपने छोटे भाई सौमेंदु को भाजपा में शामिल होने के लिए राजी कर लिया। सौमेंदु को कांति नगर पालिका के प्रशासक पद से हटा दिया गया है।

शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई दिब्‍येंदु और पिता शिशिर अधिकारी क्रमश: तमुक और कांथी से लोकसभा सदस्य हैं। दोनों ही बनर्जी की रैली में नहीं पहुंचे। इन अधिकारी बंधुओं का पूर्व और पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया, झारग्राम और बीरभूम तथा अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के कम से कम 40-45 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव है। राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।(भाषा)
ये भी पढ़ें
Kisan Andolan : सरकार और किसानों के बीच होने वाली बैठक टली, 20 जनवरी को होगी अगली मीटिंग