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Last Modified: वाराणसी , मंगलवार, 26 जून 2018 (00:04 IST)

शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर बोला प्रधानमंत्री पर हमला, लोकतंत्र खतरे में, नोटबंदी एवं जीएसटी तानाशाही फैसला

शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर बोला प्रधानमंत्री पर हमला,  लोकतंत्र खतरे में, नोटबंदी एवं जीएसटी तानाशाही फैसला - Shatrughan Sinha GST Narendra Modi Aam Aadmi Party
वाराणसी। अपने बयानों के कारण समय-समय पर खुद की ही पार्टी को मुश्किलों में डालने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला बोला।
 
 
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बेनियाबा में आयोजित 'आप' की 'जनाधिकार रैली' के मंच से मोदी का नाम लिए बिना उन पर 'तानाशाही' रवैया अपनाने तथा मनमाने तरीके से नोटबंदी एवं जीएसटी लागू कर देश एवं गरीब जनता को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
 
सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी देश की आम जनता के खिलाफ किया गया सबसे बड़ा गलत फैसला है। इसे लागू करने का फैसला लेने से पहले भाजपा के किसी भी बड़े नेता से राय नहीं ली गई थी। पार्टी में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ख्याल नहीं रखा गया। मनमाने तरीके से लागू किए गए इस फैसले से देश के छोटे कारोबारी सड़कों पर आ गए। ठेले, पटरी वालों और मजदूरों की हालत और खराब हो गई। आज वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए।
 
 
उन्होंने नोटबंदी के मामले में आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक बार फिर पीठ थपथपाई और कहा कि उनके नेतृत्व में लोकतंत्र बचाने के लिए चल रहे अभियानों से लोगों को जुड़ना चाहिए। लेकिन उन्होंने साफ किया कि वे फिलहाल भाजपा के सदस्य हैं और उसकी मर्यादा का पालन कर रहे हैं।
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार देने के का वादा करके 4 साल पहले बनी केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे पाई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के सिवा किसी को भी रोजगार नहीं मिला। सिन्हा ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य होने से पहले भारत के नागरिक हैं और इसी नाते वे लोकतंत्र की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाने के लिए यहां आए हैं।
 
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ सके, लेकिन मोबाइल फोन के जरिए समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लागू 21 महीने के आपातकाल से आज का अघोषित आपातकाल ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है। उन्हें मनामाने तरीके से चलाने की कोशिश की जा रही है।
 
समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र के नाम पर 'हिटलर' राज चल रहा है। नवाब के उतरते ही सबको पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी के तमाम वादे झूठे निकले। जीडीपी के आंकड़ों से गरीबों का पेट नहीं भर सकता। उन्हें रोटी चाहिए, लेकिन जबसे मोदी सरकार आई है, गरीबों की दाल-रोटी छीनने का सिलसिला और तेज हो गया है। उन्होंने कहा कि 1975 में लागू आपातकाल से आज का अघोषित आपातकाल ज्यादा खतरनाक है। इसे जनता को समझना होगा और इसके खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा।
 
'आप' नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मोदी ने देश की जनता के साथ-साथ मां गंगा को भी धोखा दिया है। जनता के खाते में 15-15 लाख रुपए भेजने का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार ने महंगाई बढ़ाकर उनकी जेबें खाली कर दी हैं। उन्होंने कहा कि झूठ की बुनियाद पर खड़ी भाजपा सरकार लोकतंत्र को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
 
अपना दल की नेता पल्लवी पटेल ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के अभियान में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता 'आप' के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। रैली में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीएम, राष्ट्रीय जनता पार्टी सहित अनेक दलों के नेताओं ने शामिल हुए और लोकतंत्र को बचाने में अपना और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग देने का वचन दिया।
 
आप नेता सिंह ने वाराणसीवासियों से मंगलवार को वाराणसी के भारतमाता मंदिर से बलिया तक के लिए आयोजित 13 दिवसीय पदयात्रा में शामिल होने की अपील की। आप नेता मुकेश सिंह के मुताबिक पहले चरण की 'जनाधिकार पदयात्रा' जौनपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर होते हुए 8 जुलाई को बलिया पहुंचेगी। वहां पहुंचने पर बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले अनेक नेता शामिल होंगे।
 
उन्होंने बताया कि 'जनाधिकार पदयात्रा' में विभिन्न मुद्दों को लेकर पहले से आंदोलन कर रहे विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने शामिल होने की सहमति प्रदान की है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश में जगह-जगह आंदोलन करने वाले अनेक संगठन के प्रमुख लोगों के इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने की संभावना है। (वार्ता)
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