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Last Modified: शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023 (19:03 IST)

हजारों नए खगोलीय पिंडों की प्रकृति जानने के लिए AI का उपयोग कर रहे वैज्ञानिक

हजारों नए खगोलीय पिंडों की प्रकृति जानने के लिए AI का उपयोग कर रहे वैज्ञानिक - Scientists using AI to discover the nature of thousands of new celestial objects
नई दिल्ली। वैज्ञानिक तारों और पुच्छल तारों जैसे हजारों नए खगोलीय पिंडों की प्रकृति को जानने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के तहत आने वाली मशीन लर्निंग की मदद ले रहे हैं।

मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) और तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) के अनुसंधानकर्ता अप्लाइड मशीन लर्निंग प्रौद्योगिकी का उपयोग हजारों खगोलीय पिंडों पर कर रहे हैं जिन्हें नासा के चंद्र अंतरिक्ष वेधशाला में एक्स रे तरंगों (0.03 से 3 नैनोमीटर आकार वाले) के जरिए देखा गया है।

इस अध्ययन को मंथली नोटिस ऑफ रॉयल एस्ट्रोनॉमिल सोसाइटी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया और इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करीब 2,77,000 एक्स रे पिंडों पर किया गया, जिनमें से अधिकतर की प्रकृति अज्ञात थी। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अज्ञात पिंडों की प्रकृति का वर्गीकरण भी विशेष श्रेणी के पिंडों की खोज के समान ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि इस अनुंसधान से ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, क्षुद्र तारे और तारों आदि की विभिन्न श्रेणियों के हजारों खगोलीयपिंडों की विश्वसनीय खोज हो सकेगी और यह खगोलीय अनुसंधान समुदाय के लिए कई रोचक पिंडों के विस्तृत अध्ययन के लिए अवसर प्रदान करेगा।

अध्ययन में शामिल अनुसंधानकर्ता और टीआईएफआर में प्रोफेसर सुदीप भट्टाचार्य ने कहा, यह खोज दिखाती है कि कैसे नई और विषय आधारित प्रौद्योगिकी का विकास मूल और मौलिक अनुसंधान में मददगार साबित हो सकता है और उसमें क्रांति ला सकता है। यह खोज समन्यवित टीम ने की है जिनमें आईआईएसटी के शिवम कुमारन, प्रोफेसर समीर मंडल और प्रोफेसर दीपक मिश्रा शामिल हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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