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Last Modified: लखनऊ , गुरुवार, 12 जनवरी 2017 (08:43 IST)

मुलायम ने कहा- भाजपा के इशारे पर पार्टी तोड़ रहे हैं रामगोपाल

मुलायम ने कहा- भाजपा के इशारे पर पार्टी तोड़ रहे हैं रामगोपाल - Samajwadi Party crisis
समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायमसिंह यादव ने बुधवार को शिवपाल यादव के साथ पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के इशारे पर वह सपा को तोड़ने में लगे हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में रामगोपाल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से कई बार मिल चुके हैं।
लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुलायम ने कहा कि 'मैं नही चाहता हूं कि पार्टी टूट जाए, लेकिन कुछ लोग भाजपा से मिलकर पार्टी को तोड़ने में लगे हुए हैं। पार्टी बनाने के लिए हमने काफी लाठियां खाई हैं। इसे टूटने नहीं देंगे।'
 
सपा अध्यक्ष ने कहा, 'मेरे पास जो कुछ था हमने दे दिया। अब मेरे पास क्या बचा है? मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि न तो पार्टी का नाम बदलेगा और न ही सिंबल।" उन्होंने कहा कि बेटा, बहू के इशारे पर रामगोपाल यह सब कर रहे हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से चार बार मिल चुके हैं।
 
लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मुलायम सिंह यादव ने कहा- बहुत संघर्ष के बाद समाजवादी पार्टी बनी है। हमने पार्टी की एकता के लिए समय दिया। पार्टी की एकता में कोई बाधा ना डाले। मुलायम ने कहा कि पार्टी की एकता के लिए हमने हर कदम उठाए। जो हमारे पास था, सब दिया। मुलायम ने कहा कि आप हमारे साथ हमेशा रहे।
 
मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपकी चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि पार्टी बड़े संघर्ष से बनी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं दिल्ली गया था की हमारी पार्टी की एकता में कोई बाधा न डाल पाए। अखिलेश गुट पर निशाना साधते हुए मुलायम ने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि ना हम अलग पार्टी बना रहे हैं, ना सिंबल बदल रहे। वो (विपक्षी गुट) दूसरी पार्टी बना रहे हैं।
 
मुलायम रामगोपाल यादव पर खासे नाराज दिखे और कहा कि वह बहुत पहले से ही मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह के साथ अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी बनाने में लगे थे। रामगोपाल पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगर उन्हें अपने बेटे और बहू को बचाना था तो दूसरों के पास जाने से अच्छा था कि उनसे मदद मांगते। मुलायम ने अपने कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिलाना चाहा कि वह पार्टी को टूटने नहीं देंगे।
 
इस बीच, खबर है कि अखिलेश खेमे के बड़े नेता जैसे रामगोपाल यादव पार्टी में मचे बवाल और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग में चल रहे मसले पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तो वहीं सूत्रों से खबर है कि दूसरी तरफ अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सीटों के फैसलों पर विचार-विमर्श में लगे हुए हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश राहुल और प्रियंका गांधी से सीधे संपर्क में भी हैं। राहुल गांधी के छुट्टी से लौटने के साथ ही इस गठबंधन की खबरों में तेजी आ गई है।
 
सूत्रों के अनुसार शुरुआत में कांग्रेस ने 140 और आरएलडी ने 50 सीटों की मांग रखी थी। लेकिन पर्दे के पीछे चल रही बातचीत के अनुसार दोनों पार्टियां कुछ सीटें कम करने को तैयार हुई हैं। अभी तक कोई आखिरी मुहर नहीं लगी है। लेकिन माना जा रहा है कि सपा 300, कांग्रेस 78-80 और बाकी सीटें आरएलडी को दी जाएंगी।
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