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Last Modified: सोमवार, 10 जुलाई 2017 (18:54 IST)

राहुल गांधी के चीनी राजदूत से मिलने पर विवाद बढ़ा

राहुल गांधी के चीनी राजदूत से मिलने पर विवाद बढ़ा - Rahul Gandhi, Chinese ambassador, Lu Zhaohui
भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चीनी राजदूत लू झाओहुइ से मुलाकात विवादों में घिर गई है। पहले तो कांग्रेस को इस मुलाकात से ही कर दिया था, लेकिन विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने इस मुलाकात को स्वीकार कर ही लिया। हालांकि इस मुलाकात के बाद राहुल भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। बाद में कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है।
 
गौरतलब है कि राहुल गांधी चीन के मामले में चुप्पी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सवाल भी उठा चुके हैं। बड़ा सवाल यह है कि जब दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं, ऐसे में राहुल को चीनी राजदूत झाओहुई से मिलने की जरूरत ही क्यों पड़ गई है। फिर भी ‍यदि राहुल चीनी राजदूत से मिले भी तो कांग्रेस ने इस बात को छिपाने की कोशिश क्यों की। भारत सरकार एक ओर इस मामले को कूटनीतिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रही है, ऐसे में कांग्रेस की उपाध्यक्ष की मुलाकात पर सवाल उठाना स्वाभाविक है। 
 
क्या कहा कांग्रेस ने : कांग्रेस ने चीन के राजदूत लुओ झाओहु से पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात की खबरों को 'फर्जी' बताने के कुछ ही घंटे बाद पलटी मारते हुए स्वीकार किया कि यह मुलाकात हुई थी। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने चीनी राजदूत के साथ गांधी की मुलाकात संबंधी खबरों को 'फर्जी' बताते हुए सोमवार को ट्वीट किया कि भक्त चैनल तीन केंद्रीय मंत्रियों की चीन की यात्रा या समूह-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात पर सवाल उठाने की बजाए 'फर्जी' खबर चला रहे हैं।
 
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इसके कुछ ही घंटे बाद पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष चीन के राजदूत के साथ ही भूटान के राजदूत और विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी शंकर मेनन से मिले हैं। सार्वजनिक जीवन में होने के नाते कांग्रेस अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष विभिन्न राजनेताओ, राजनयिकों, अर्थशास्त्रियों आदि से मुलाकात करते रहते हैं।
 
तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जर्मनी के हैम्बर्ग में वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले थे तो वहां सीमा विवाद का मामला क्यों नहीं उठाया गया और मोदी चीन के मुद्दे पर चुप क्यों हैं? उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब चीन के साथ तकरार चल रही है तो इस माहौल के बीच मोदी सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा तथा स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा चीन क्यों गए।