राष्ट्रपति चुनाव : सांसदों व विधायकों के लिए होगा अलग-अलग रंग का मतपत्र
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में 17 जुलाई को मतदान करने वाले संसद के सदस्यों के लिए मतपत्र हरे रंग का होगा जबकि विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा। राजग और विपक्ष द्वारा अलग-अलग प्रत्याशी खड़े करने और उनमें से किसी के 1 जुलाई की शाम तक उम्मीदवारी वापस न लेने की स्थिति में चुनाव आयोग मतपत्र की अंतिम छपाई की प्रक्रिया शुरू करेगा।
1 विधायक के वोट का मूल्य उसके प्रतिनिधित्व वाले राज्य की आबादी पर निर्भर करता है लेकिन सांसद के वोट का मूल्य स्थिर रहेगा। 1 सांसद का वोट 708 के बराबर माना जाता है इसलिए अलग-अलग रंग के मतपत्र से निर्वाचन अधिकारी को वोट के मूल्य के आधार पर मतों की गणना करने में मदद मिलेगी।
निर्वाचक मंडल के कुल मतों का मूल्य 10,98,903 है। मतपेटियों को गिनती के लिए 20 जुलाई को दिल्ली लाया जाएगा। निर्वाचित सांसदों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों वाले समानुपातिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचन मंडल में कुल 4,896 मतदाता होते हैं जिनमें 4,120 विधायक और 776 निर्वाचित सांसद हैं। राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य हैं जबकि लोकसभा के 543 सदस्य हैं।
राज्यों को दिए निर्देश में आयोग ने कहा कि संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मतपत्रों की छपाई हरे रंग के कागज पर होगी जबकि विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मतपत्रों की छपाई गुलाबी कागज पर होगी। (भाषा)