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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : गुरुवार, 18 जून 2020 (17:16 IST)

लद्दाख में ब्लैकआउट के बीच LAC से सटे गांवों को खाली करने की तैयारी

लद्दाख में ब्लैकआउट के बीच LAC से सटे गांवों को खाली करने की तैयारी - Preparations to evacuate villages adjacent to LAC amid blackout in Ladakh
जम्मू। फिलहाल इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है लेकिन मिलने वाली खबरें कहती हैं कि लद्दाख में चीन सीमा पर गलवान वैली इलाके के साथ-साथ अन्य ‘विवादित’ क्षेत्रों में भी भारतीय गांवों में ब्लैकआउट के निर्देश देने के साथ ही उन्हें खाली करवाने की तैयारी चल रही है। हालांकि न ही इन गांवों की संख्या बहुत ज्यादा है और न ही आबादी फिर भी भारतीय पक्ष कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता।
 
सूत्रों के अनुसार सेना ने पूर्वी लद्दाख में दमचोक, डेपसांग और पैंगांग के गांवों को खाली करने को कहा है। दरअसल, इन गांवों में घुसकर अतीत में चीनी सेना भारतीयों को भी अगवा करती रही है। मिलने वाले समाचारों के मुताबिक सेना ने इन इलाकों में मोर्चाबंदी करनी आरंभ की है, क्योंकि चीन पहले ही गलवान वैली इलाके में मजबूत मोर्चाबंदी कर चुका है।
 
अधिकारियों के बकौल, 20 सैनिकों की शहादत और चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सटे 21 के करीब गांवों में ब्लैकआउट कर दिया गया है। ज्यादातर गांवों में पिछले एक माह से इमरजेंसी जैसे हालात हैं, लेकिन श्योक और गलवान नदी के संगम स्थल के पास सोमवार रात की घटना के बाद से पूरे इलाके में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।

एलएसी पर जमीन कब्जाने को लेकर चीन की चाल को सबसे पहले स्थानीय खानाबदोश लोग ही भांपते रहे हैं। सर्दी के मौसम में अग्रिम इलाकों में कोई आवाजाही नहीं रहती। इन 21 गांवों के लोग अपनी भेड़, बकरियों और याक को चराने के लिए चरागाहों में लेकर जाते हैं।
 
सीमावर्ती इलाकों में दिन-रात गश्त तेज की गई है। ये गांव चुशुल, पैंगोंग झील से लेकर गलवान, श्योक से दौलत बेग ओल्डी तक पड़ते हैं। लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के चुशुल निर्वाचन क्षेत्र में 8 गांव हैं जबकि तंगसे क्षेत्र में 13 छोटे गांवों की तकरीबन चार हजार आबादी एलएसी के बिलकुल नजदीक बसी हुई है।
 
तंगसे क्षेत्र की ढाई हजार से ज्यादा आबादी एलएसी के बिलकुल नजदीक है। एलएसी के हालात का सीधा असर इन पर सबसे पहले पड़ता है। इन इलाकों में पूरी तरह से ब्लैकआउट है।

एलएसी से सटे गांवों में हालात को लेकर लद्दाख के लोगों को चिंता है, क्योंकि वहां पर किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। एक लेहवासी के बकौल, अग्रिम इलाकों के नाजुक हालात में स्थानीय लोगों को कुछ मुश्किलें जरूर हैं लेकिन वे हर हाल में सेना और देश के साथ खड़े हैं।